logo-image
लोकसभा चुनाव

Miraculous Temples: ये हैं हिमाचल प्रदेश के 5 चमत्कारी मंदिर, वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए इनका रहस्य

Himachal Pradesh Mysterious Temples: भारत में की चमत्कारी मंदिर ऐसे हैं जिनके रहस्यों के बारे में आजतक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं. हिमाचल के ऐसे 5 मंदिरो और वहां होने वाले चमत्कारों के बारे में जानते हैं.

Updated on: 29 Jun 2024, 12:59 PM

नई दिल्ली:

Miraculous Temples: हिमाचल प्रदेश में कई रहस्यमय मंदिर हैं जिनकी पहेली वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाए. शिकारी देवी मंदिर की छत कभी नहीं लग पाई, बैजनाथ मंदिर के जल में औषधीय गुण हैं, शिमसा माता मंदिर में संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है, और लुटरू महादेव मंदिर में शिवलिंग पर सिगरेट जलती है. भारत को अगर आस्था और विश्वास का देश कहा जाए तो गलत नहीं होगा. यहां ऐसे कई चमत्कारी मंदिर हैं जहां आज भी लोग जाकर उन्हें देखते हैं. हिमाचल प्रदेश में एक कई मंदिर हैं जिनके चमत्कारों की किस्से कहानियां सदियों से प्रसिद्ध हैं. हम आपको हिमाचल के ऐसे रहस्यमय मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके रहस्यों बारे में वैज्ञानिक भी जानने में नाकामयाब रह हैं. हिमाचल के किसी मंदिर में आजतक छत नहीं लग पाई तो किसी मंदिर के शिवलिंग पर सिगरेट जलती है

शिकारी देवी मंदिर 

हिमाचल के मंडी में 2850 मीटर की ऊंचाई पर बना शिकारी देवी मंदिर आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है क्योंकि आज तक कोई भी शख्स इस मंदिर की छत नहीं लगवा पाया. कहा जाता है कि मार्कंडेय ऋषि ने यहां पर सालों तक तपस्या की थी. उन्हीं की तपस्या से खुश होकर माँ दुर्गा शक्ति के रूप में यहां पर स्थापित हुई. बाद में पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान यहाँ मंदिर का निर्माण तो किया मगर पूरा मंदिर नहीं बन पाया. सबसे हैरत की बात तो ये थी कि मंदिर पर छत नहीं लग पाई. कहा जाता है कि कई बार मंदिर पर छत लगवाने का काम शुरू किया गया. लेकिन हर बार कोशिश नाकामयाब रही. माता की शक्ति के आगे आज तक कोई भी शख्स इस मंदिर की छत नहीं लगा पाया. माँ के पत्थर की मूर्ति स्थापित करने के बाद पांडव यहां से चले गए थे. यहाँ पर हर साल बर्फ़ तो खूब गिरती है मगर माँ के स्थान पर कभी भी बर्फ़ नहीं टिकती.

बैजनाथ मंदिर

बैजनाथ मंदिर हिमाचल प्रदेश में सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है और यहां भगवान शिव को हीलिंग के देवता के रूप में पूजा जाता है. ये मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए बहुत महत्त्व रखता है और इसको बेहद पवित्र माना जाता है. माना जाता है कि इस मंदिर की जल में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं. ये एक ऐसा मंदिर है जहाँ पर भगवान शिव की पूजा करके मन को एक अद्भुत शांति मिलती है. ये देश के उन कुछ मंदिरों में से एक है जहां भगवान शिव और रावण दोनों की पूजा की जाती है. 

शिमसा माता मंदिर 

देवभूमि में मां का एक ऐसा मंदिर है जो विज्ञान के लिए रहस्य बना हुआ है. यहां फर्श पर सोने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. संतान सुख की प्राप्ति के लिए आज भी शारदा शिमसा मां के मंदिर में नवरात्रों के दौरान देश भर से हजारों महिलाएं पहुंचती है. संतान प्राप्ति के लिए महिलाएं मंदिर में सोती है, जिसे धरना कहा जाता है. धरने में मां किसी भी रूप में स्वप्न में आकर महिला श्रद्धालुओं को फल के रूप में संतान का आशीर्वाद दे दी है. महिलाओं को धरने से पहले मंदिर के साथ लगती बावड़ी के पानी में स्नान करना पड़ता है. स्नान के बाद महिलाएं मंदिर में धरने पर जाती है. अगर किसी महिला की जीवन में संतान सुख नहीं होता तो माँ उनको घर में जाकर काम करने का संकेत दे दी है. यदि माँ के आदेश के बाद भी कोई महिला फिर मंदिर में स्नान करके धरने पर जाती है तो उस महिला को चीटियां काटना शुरू कर देती है. 

लुटरू महादेव मंदिर 

हिमाचल प्रदेश की अड़की सोलन जिले में स्थित है. लुटरू महादेव यहां प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर सिगरेट अर्पित की जाती है. हैरानी की बात तो ये है जब भग द्वारा सिगरेट चराई जाती है तो वो अपने आप ही सुलगने लगती है और उसमें से धुआं निकलने लगता है. इस नजारे को देखने के बाद यहाँ के लोगों का मानना है कि स्वयं शिव जी यहां पर सिगरेट पीते हैं. इस अद्भुत नज़ारे को देखने के लिए यहां पर दूर दूर से लोग पहुंचते हैं. 

बिजली महादेव मंदिर

कुल्लू शहर में व्यास और पार्वती नदी की संगम के पास एक ऊंचे पर्वत के ऊपर बिजली महादेव का प्राचीन मंदिर है. कुल्लू घाटी की मान्यताओं के अनुसार पार्टी एक विशालकाय सांप का रूप है. इस सांप का वध भगवान शिव ने किया था. जिस स्थान पर मंदिर है वहाँ शिवलिंग पर हर बार साल में एक भयंकर आग. काशी बिजली गिरती है, बिजली गिरने से मंदिर का शिवलिंग खंडित हो जाता है. यहां के पुजारी खंडित शिवलिंग के टुकड़े एकत्रित करके मक्खन के साथ इसे जोड़ देते हैं. कुछ समय बाद पिंडी अपने पुराने स्वरूप में आ जाती है, लेकिन आज तक यह कोई भी पता नहीं लगा पाया कि आखिर 12 साल में यहां पर बिजली क्यों गिरती है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)