नए साल की शुरुआत पौष मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीय तिथि से हो रही है. यह महीना धर्म कर्म के हिसाब से बहुत अहम है. इस महीने में कई व्रत और प्रमुख त्योहार पड़ रहे हैं.
9 जनवरी को पौष मास की सफला एकादशी है. कहा जाता है कि इस एकादशी के व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.
11 जनवरी को कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी है. इस त्रयोदशी को शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस दिन भगवान शिव का ध्यान कर के व्रत रखने का विधान है. कहते हैं कि इस व्रत के उपासकों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
13 जनवरी को लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है.
14 जनवरी को मकर संक्रांति पड़ रही है. सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इस दिन तिल का दान किया जाता है. इसी दिन से कुंभ महापर्व का आयोजन किया जाता है.
24 जनवरी को पुत्रदा एकादशी है जिसके लिए मान्यता है कि इसका व्रत संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है.
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इसके बाद 26 जनवरी को भौम प्रदोष है. जिसके लिए मान्यता है कि इसके व्रत से भगवान शिव तो प्रसन्न होते ही हैं, साथ ही इसका व्रत 100 गाय का दान करने के बराबर फल देता है.
28 जनवरी को माघ स्नान प्रारंभ हो रहा है. माघ माह में स्नान करने से अक्षय फल प्राप्त होता है. इस दिन पूर्णिमा है. पुराणों के मुताबिक इस पूर्णिमा पर विष्णु भगवान स्वयं गंगा में निवास करते हैं.
संकष्टी चतुर्थी माघ मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि पर पड़ती है. 2021 में संकष्टी चतुर्थी 31 जनवरी के दिन पड़ रही है. इस दिन भगवान गणेश का व्रत रखने से और तिल का दान करने से सभी मनोकामनाएं प्राप्त होती हैं.
Source : News Nation Bureau