Hindu-Muslim Education: प्यू रिसर्च सेंटर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण अध्ययन जारी किया है, जिसमें दुनिया भर के विभिन्न धार्मिक समूहों की शिक्षा की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है. इस अध्ययन के मुताबिक, यहूदियों की शिक्षा का स्तर किसी भी अन्य प्रमुख धार्मिक समूह से अधिक है, जबकि मुस्लिम और हिंदू समुदायों की औसत स्कूली शिक्षा का स्तर सबसे कम है. अध्ययन के अनुसार, दुनियाभर में मुसलमानों और हिंदुओं की औसत स्कूली शिक्षा का स्तर 5.6 वर्ष है. यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि धार्मिक समूहों के बीच शिक्षा में बड़ी असमानता है. उदाहरण के लिए, यहूदियों की शिक्षा का स्तर अपेक्षाकृत अधिक है क्योंकि अधिकांश यहूदी अमेरिका और इजरायल जैसे आर्थिक रूप से विकसित देशों में रहते हैं. इसके विपरीत, हिंदू समुदाय के 98% सदस्य भारत, नेपाल और बांग्लादेश जैसे विकासशील देशों में निवास करते हैं, जहां शिक्षा की सुविधा और संसाधन सीमित होते हैं.
पुरुषों और महिलाओं के बीच शिक्षा में अंतर
शिक्षा के क्षेत्र में पुरुषों और महिलाओं के बीच भी बड़ा अंतर देखा गया है. मुसलमानों के बीच, मुस्लिम महिलाओं की औसत स्कूली शिक्षा 4.9 वर्ष है, जबकि मुस्लिम पुरुषों की औसत स्कूली शिक्षा 6.4 वर्ष है. इसी तरह, हिंदू महिलाओं की औसत स्कूली शिक्षा 4.2 वर्ष है, जो मुस्लिम महिलाओं से कम है, लेकिन हिंदू पुरुषों की औसत शिक्षा 6.9 वर्ष है, जो मुस्लिम पुरुषों से अधिक है. इस प्रकार, कुल मिलाकर, हिंदू और मुसलमानों की औसत स्कूली शिक्षा समान रूप से 5.6 वर्ष है.
हाल के वर्षों में शिक्षा में सुधार
अच्छी खबर यह है कि हाल के वर्षों में हिंदू और मुसलमान महिलाओं की शिक्षा के स्तर में बड़ा सुधार हुआ है. 1985 के बाद जन्म लेने वाले हिंदू और मुसलमानों की शिक्षा का स्तर तेजी से बढ़ा है. रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में ईसाइयों की शिक्षा का स्तर हिंदू और मुसलमानों की तुलना में धीमी गति से बढ़ा है. अध्ययन में यह भी उल्लेख किया गया है कि अभी भी हिंदू और मुसलमानों का शैक्षिक स्तर अन्य धर्मों की तुलना में सबसे कम है. हालांकि, शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से हो रहे इस सुधार से यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में शिक्षा के स्तर में और सुधार होगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)