Teachers Day 2024: हिंदू धर्म में गुरु-शिष्य परंपरा का एक लंबा इतिहास है. गुरु को भगवान के समान माना जाता है, क्योंकि वह शिष्य को आत्मज्ञान और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है. गुरु को ज्ञान, धर्म, और नैतिकता का प्रतीक माना जाता है. हिंदू धर्म में शिक्षक का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. एक अच्छा गुरु ही शिष्य को अज्ञान के अंधकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है. वे शिष्य के जीवन को सही दिशा देने और उसे आत्म-साक्षात्कार की ओर प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाता है. भारतीय परंपराओं में गुरु को संस्कारों का संवाहक माना गया है. वह शिष्य को नैतिकता, धर्म, और जीवन के मूल्यों का पालन करने की शिक्षा देता है. जहां शिष्य अपने गुरु से दीक्षा लेकर अपने जीवन का उद्देश्य प्राप्त करता है.
हिंदू धर्म के 10 महान शिक्षक (Hinduism 10 Great Teachers)
महर्षि वेदव्यास
हिंदू धर्म में महर्षि वेदव्यास को सबसे महान आचार्यों में से एक माना जाता है. उन्होंने वेदों का विभाजन और महाभारत की रचना की, जो आज भी ज्ञान का असीम स्रोत है.
आदि शंकराचार्य
अद्वैत वेदांत का प्रचार करने वाले आदि शंकराचार्य ने ही सनातन धर्म की पुनर्स्थापना की. उन्होंने मठों की स्थापना कर ज्ञान का प्रसार किया, जिससे भारतीय संस्कृति और अध्यात्मिकता को नई दिशा मिली.
स्वामी विवेकानंद
टीचर्स डे स्पेशल की 10 महान शिक्षकों की लिस्ट में स्वामी विवेकानंद का नाम भी शामिल है. उन्होने भारतीय दर्शन और योग को पश्चिमी दुनिया तक पहुंचाया. उन्होंने वेदांत के मूल्यों को प्रस्तुत करते हुए आध्यात्मिक जागरण और भारतीय समाज के पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाई. जिसका प्रभाव आज भी भारत के विकास पर नज़र आता है.
महर्षि पतंजलि
योग सूत्रों की रचना करने वाले महर्षि पतंजलि आज भी योग और ध्यान के क्षेत्र में मार्गदर्शन का महत्वपूर्ण स्रोत है. उनके ज्ञान ने योग को विश्वभर में लोकप्रिय किया. उनके नाम से आज भी कई आश्रम, यूनिवर्सिटी और हॉस्पिटल हैं जहां लोगों का उद्धार किया जा रहा है. योग के माध्यम से उनके जीवन की राह को आसान बनाया जा रहा है.
महर्षि वाल्मीकि
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि ने भारतीय समाज को मर्यादा पुरुषोत्तम राम का आदर्श प्रस्तुत किया. उनकी शिक्षाएं आज भी लोगों को धर्म और कर्तव्य का पालन सिखाती हैं. शिक्षक दिवस के खास मौके पर भी लोग कई जगहों पर उनकी लिखी रामायण का पाठ करते हैं.
स्वामी दयानंद सरस्वती
आर्य समाज की स्थापना करने वाले स्वामी दयानंद सरस्वती ने वेदों के ज्ञान का प्रचार किया. उन्होंने समाज सुधार के साथ-साथ शिक्षा और महिलाओं के अधिकारों की भी वकालत की. जो आज के भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है.
रामकृष्ण परमहंस
रामकृष्ण परमहंस ने धर्म की एकता और सभी धर्मों की समानता का संदेश दिया. उनके शिष्य, स्वामी विवेकानंद ने उनके विचारों को विश्व स्तर पर पहुंचाया. धर्म की एकता की ताकत किस तरह समाज पर प्रभाव डाल सकती है उनकी कही वो बातें आज भी समाज में बदलाव लाने का कार्य कर रही हैं.
स्वामी रामतीर्थ
स्वामी रामतीर्थ ने वेदांत के सिद्धांतों से भारतीय समाज को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से जोड़ने का कार्य किया. उनका ज्ञान और उपदेश आज भी प्रेरणा स्रोत हैं.
महर्षि अरविंद
महर्षि अरविंद ने भारतीय अध्यात्म और राष्ट्रीयता को एकसाथ जोड़ने का प्रयास किया. उन्होंने योग और ध्यान के माध्यम से व्यक्तिगत और सामाजिक विकास का मार्ग दिखाया. जो नए भारत की नींव रखने में महत्वपूर्ण रहा.
स्वामी शिवानंद
स्वामी शिवानंद ने योग और आयुर्वेद के माध्यम से मानवता की सेवा की. उनके द्वारा स्थापित डिवाइन लाइफ सोसाइटी ने चिकित्सा, शिक्षा और अध्यात्मिकता के क्षेत्रों में व्यापक योगदान दिया. आज के भारत में भी उनकी ये सेवा लोगों का भला कर रही है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)