Hinduism Growth In Muslim Countries: सनातन धर्म का वैश्विक पुनर्जागरण तेजी से हो रहा है. 1400 वर्ष पूर्व जब इस्लाम का उदय हुआ तो इसके विस्तार के साथ ही हिंदू धर्म को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. कई हिंदू स्मृतियां नष्ट कर दी गईं, लेकिन इसके बावजूद हिंदू धर्म कभी समाप्त नहीं हुआ. आज मुस्लिम और ईसाई बहुल देशों में भी हिंदू धर्म का विस्तार हो रहा है. हम ऐसे पांच अरब देशों के बारे में आपको बता रहे हैं जहां हिंदू धर्म तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और नए मंदिरों का निर्माण हो रहा है.
ओमान में हिंदू धर्म का उदय
19वीं सदी तक ओमान में केवल 4000 हिंदू थे. आज ओमान ने हिंदुओं की संख्या 260000 हो गई है. मस्कट में भगवान शिव और श्री कृष्ण के मंदिर बने हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी यहां शिव मंदिर का दौरा कर चुके हैं. इसके अलावा यहां इस्कॉन मंदिर भी है जो स्थानीय मुस्लिमों के बीच भी लोकप्रिय है.
बहरीन में हिंदू धर्म का उदय
बहरीन में 12 लाख की आबादी में से 350000 हिंदू धर्म के लोग कहते हैं. यहां का श्री कृष्ण मंदिर 200 साल पुराना है जिसे साल 2019 में पुनर्निर्मित किया गया था. बहरीन में इस्कॉन मंदिर भी है जो यहां बेहद प्रसिद्ध है. खास बात ये है कि इस मंदिर में हिंदू, ईसाई और मुस्लिम हर धर्म के श्रद्धालु आते हैं.
लेबनान में हिंदू धर्म का उदय
लेबनान भी मुस्लिम देश है. 1932 में यहां केवल 13000 हिंदू थे जो अब बढ़कर लगभग 5 लाख हो गए हैं. यहां का इंडियन कम्युनिटी टेंपल और बालबेक में स्थित प्राचीन मंदिर हजारों साल पुराने हैं. इन प्राचीन मंदिरों को देखकर आसानी से कहा जा सकता है कि लेबनान में हिंदू धर्म की जड़ें काफी गहरी हैं.
यूएई में हिंदू धर्म का उदय
मुस्लिम देश यूएई में भी लगभग 12 लाख हिंदू रहते हैं. दुबई में 1958 में पहला हिंदू मंदिर बना था, और 2022 में दूसरा भव्य मंदिर बनकर तैयार हुआ. खास बात ये है कि इन मंदिरों का निर्माण यहां कि मुस्लिम सरकार ने ही करवाया था. यूएई के शेख भी भगवान की आरती करते हैं और उनके भजनों पर जमकर झूमते हैं.
मलेशिया में हिंदू धर्म का उदय
मलेशिया में 17.8 लाख हिंदू हैं, और यहां का बाटू गुफा मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. हालांकि, यहां के कट्टरपंथियों के दबाव में मुसलमानों के हिंदू धर्म अपनाने पर पाबंदी है, फिर भी सनातन धर्म यहां निरंतर फल-फूल रहा है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)