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Historical Hindu Temples in Pakistan: पाकिस्तान में ऐतिहासिक हिंदू मंदिरों का हो रहा है बुरा हाल, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

Historical Hindu Temples in Pakistan: पाकिस्तान में भी हिंदू धर्म के कई लोग रहते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पाकिस्तान में जो ऐतिहासिक मंदिर है उनका क्या हाल है.

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Inna Khosla
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Historical Hindu Temples in Pakistan

Historical Hindu Temples in Pakistan( Photo Credit : News Nation)

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Historical Hindu Temples in Pakistan: हिंदोस्तान और पाकिस्तान के बटवारे बाद जो हिस्सा पाकिस्तान के पास गया उसमें भारत के कई प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर भी थे. ये तो आप जानते ही हैं कि पाकिस्तानी एक मुस्लिम देश है. बटवारे के समय लोगों को ये छूट दी गयी थी कि जो भी चाहे वो अपनी स्वेच्छा से भारत  या पाकिस्तान में बस सकता है. ऐसे में कई हिंदू परिवार पाकिस्तान में ही रह गए या फिर भारत से पाकिस्तान चले गए. हिंदू धर्म के लोगों के लिए भी यहां पर पूजा पाठ करने के लिए मंदिर थे. पाकिस्तान में शक्तिपीठ भी है. लेकिन, अब जब इन मंदिरों की हालत देखी जाती है तो हैरानी होती है. हजारों साल पुराने जिन मंदिरों को धरोहर की तरह सहेज कर रखना चाहिए था पाकिस्तान सरकार के राज में उन मंदिरों का दशा बुरी है.  भारत पाक बंटवारे से पहले मंदिर अच्छी अवस्था में थे, लेकिन पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के बढ़ते प्रभाव के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन कम हो गया. अब ये मंदिर भी खंडर में परिवर्तित होने की कगार पर हैं.

गोरखनाथ मंदिर पाकिस्तान के पेशावर में ये मौजूद है. ये ऐतिहासिक मंदिर 160 साल पुराना है. ये बंटवारे के बाद से ही बंद पड़ा है और यहां रोजाना का पूजा पाठ भी बंद हो गया है. 

श्री वरुण देव का मंदिर जो मनोरा कैंटी कराची में स्थित है. 1000 साल पुराना ये मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए मशहूर है. सन 1947 के बंटवारे के बाद इस मंदिर पर भू माफिया ने कब्ज़ा कर लिया. 2007 ने पाकिस्तान हिन्दू काउंसिल ने इसे बंद पड़े और क्षतिग्रस्त मंदिर को फिर से तैयार करने का फैसला किया और जून 2017 में इसका नियंत्रण पी हेच इ सी को मिल गया.

पाकिस्तान के स्वामी नारायण मंदिर के बारे में भी जान लें. कराची में मौजूद स्वामी नारायण मंदिर 32,306 स्क्वायर क्षेत्र में फैला हुआ है. ये एम ए चिन्ना रोड पर स्थित है. अप्रैल 2004 में मंदिर ने अपनी 100 पचासवीं सालगिरह मंगाई और इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहाँ हिंदुओं के साथ साथ मुस्लिम भी पहुंचते हैं. मंदिर में बनी धर्मशाला में लोगों को ठहरने की व्यवस्था भी है. 

पंचमुखी हनुमान मंदिर, जो की कराची में है. 1500 साल पुराना हनुमान के पास सिर वाला मंदिर कराची के सोल्जर बाजार में बना हुआ है और इस मंदिर में आर्किटेक्चर में जोधापुर की नकाशी छलक दिखाई देती है. हालांकि इस मंदिर को जीर्णोद्धार की सख्त जरूरत है, जिसे लेकर अब तक सहमति नहीं बन पाई है. 

साधु बेला मंदिर ये मंदिर सुककोर में स्थित है. सिंध प्रांत में सुखकुर में बाबा बनखंडी महाराज 1823 में आए थे. उन्होंने मीनाग पर भात को एक मंदिर के लिए चुना. आठवे गद्दी बाबा बनखंडी महाराज की मृत्यु के बाद संत हरनाम दास ने इस मंदिर का निर्माण 1889 में कराया. महिलाओं और पुरुषों के लिए पूजा करने के लिए अलग अलग व्यवस्था मौजूद है. यहां होने वाला भंडारा पूरे पाकिस्तान में मशहूर है. 

शारदा देवी मंदिर, जो पी.ओ.के. में स्थित है. मां सरस्वती को समर्पित ये मंदिर लाइन ऑफ़ कंट्रोल नीलम घाटी पर स्थित है. जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में है. कहा जाता है आदि शंकर यहां से यात्रा करते हुए निकले थे और ये मंदिर भी लगभग खंडर में तब्दील होता नजर आ रहा है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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