आज रविवार से होलाष्टक भी लग गए हैं. होलाष्टक होली (Holi) के पर्व से आठ दिन पूर्व आरंभ होते हैं. इसीलिए इसे होलाष्टक कहा जाता है. होलाष्टक में शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है. इस समय खरमास भी चल रहे हैं. इसलिए शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य भी नहीं किए जा सकते हैं. होलाष्टक आरंभ होने से पूर्व शुभ कार्यों को कर लेना चाहिए, क्योंकि होलाष्टक के बाद इन कार्यों को नहीं कर पाएंगे. होलाष्टक (Holashtak) में घर में कोई नई चीज खरीदकर नहीं लाते हैं. होलाष्टक में घर खरीदना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, भूमि पूजन, किसी नए कार्य की नींव नहीं रखी जाती है. इसके साथ ही मांगलिक कार्य भी वर्जित माने गए हैं.
होलाष्टक में क्या करें
होलाष्टक में भगवान का भजन और उपासना करनी चाहिए. बसंत के मौसम में कई बदलाव होते हैं, जिनका प्रभाव सेहत, मन और मस्तिष्क पर भी पड़ता है. होलाष्टक से दिन बड़े और रात छोटी होने लगती है. होलाष्टक में भगवान विष्णु, भगवान शिव के साथ-साथ गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. होलाष्टक में श्रीसूक्त का पाठ उत्तम फलदायी माना गया है. इसके साथ ही भगवान नृसिंह और हनुमानजी की पूजा जीवन में आने वाली कई बाधाओं को दूर करती है.
होलिका दहन का मुहूर्त
होलिका दहन इस वर्ष 28 मार्च को किया जाएगा. इस दिन पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. पूर्णिमा की तिथि में ही शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात्रि 8 बजकर 56 मिनट मध्य होलिका दहन का मुहूर्त बना हुआ है. 29 मार्च सोमवार को प्रतिपदा तिथि में होली खेली जाएगी. होलिका दहन के दिन ही होलाष्टक का समापन हो जाएगा. होली का त्योहार 25 मार्च को है. लेकिन हर साल की तरह भगवान कृष्ण की जन्मभूमि ब्रज में पहले से ही होली मनाई जाएगी. लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली से लेकर रंगों वाली होली तक कई तरह से होली मनाई जाती है. बता दें कि ब्रज में होली डेढ़ महीने तक मनाई जाती है. आइए जानते हैं कि इस बार कौन सी होली किस दिन पड़ रही है...
लड्डू की होली
राधारानी की नगरी बरसाने में लड्डू की होली 22 मार्च को खेली जाएगी. इस दिन राधा रानी के गांव बरसाना में फाग आमंत्रण का उत्सव मनाया जाएगा. इसके बाद लड्डू लुटा कर लड्डू की होली मनाई जाती है.
लट्ठमार होली
ब्रज की लट्ठमार होली भी काफी प्रसिद्ध है. लट्ठमार होली 23 मार्च को बरसाना में ही नंदगांव के हुरयारों संग खेली जाएगी. नंद गांव में लट्ठमार होली अगले दिन यानी 24 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली खेली जाएगी.में
फूलों की होली और रंगभरनी होली
25 मार्च को मथुरा के श्री द्वारकाधीश मंदिर में कई तरह के रंग बिरंगे और सुगन्धित फूलों से होली खेली जाएगी. वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में 25 मार्च को ही रंगभरनी होली मनाई जाएगी.
छड़ीमार होली
26 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गोकुल में भगवान श्रीकृष्ण बाल रूप में रहे थे इसलिए कान्हा को लाठी से चोट लग सकती थी. उन्हें ज्यादा चोट न लगे इसलिए छड़ी से होली खेलती हैं.
गुलाल की होली
27 मार्च को वृंदावन में अबीर और गुलाल से होली मनाई जाएगी. इस दिन विधवाएं रंगों वाली होली खेलेंगी.
HIGHLIGHTS
- होलाष्टक में मांगलिक काम माने जाते हैं वर्जित
- होलिका दहन के साथ खत्म होते हैं होलाष्टक
- इस बीच ब्रज में बिखरते रहेंगे होली के रंग