होली कहने को तो हिंदुओं का त्योहार है लेकिन इसके रंग में हर एक धर्म नजर आता है. आखिरकार ऐसा हो भी क्यों न, जिंदगी में रंग किसे नहीं पसंद है. जितने रंगों से होली खेली जाती है उतने ही नाम से इस देश-दुनिया में जाना जाता है. कहीं होली को फागुन कहा जाता है तो कहीं इसे रंगपंचमी के रूप में मनाया जाता है. तो आज हम आपको होली की इसी विशेषता के बारें में बताने जा रहे है कि आखिर इसे कहां कैसे और किस नाम से मनाया जाता है. वहीं बता दें कि इस साल होली का त्योहार 10 मार्च 2020 यानि कि मंगलवार को मनाया जाएगा.
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यूपी-बिहार और झारखंड में होती है 'लट्ठमार' के 'फाग' की मस्ती
कहते हैं होली का असली रंग देखना हो तो यूपी बिहार एक बार जरूर जाएं. यहां होली के कई रंग देखने को मिलते है, जिसका खुमार आप पर कई दिनों तक चढ़ा रहता है. यहां पर होली को फगुआ के नाम से जाना जाता है. यूपी और बिहार में होली के मौके पर फाग भी गाया जाता है, जो कानों में होली के गुजिया की मिठास की तरह गूंजती है. वहीं मथुरा, नंदगांव, गोकुल, वृंदावन और बरसाना में होली के कई रंग देखने को मिलते है. यहां फूलों की होली, लड्डू की होली और लट्ठमार होली खेली जाती है, जो पूरी दुनिया में काफी फेमसह है.
पहाड़ों में होली के है अलग रंग
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी होली कई तरह से मनाया जाता है. यहां पर होली को खड़ी होली, महिला होली और बैठकी होली कहते हैं. यहां कुमाउनी होली प्रसिद्ध है, यहां होली को अलग-अलग प्रकार के संगीत समारोह के रूप में मनाया जाता है.
तमिलनाडु और कर्नाटक में होली है कामदेव को समर्पित
तमिलनाडु में लोग होली को कामदेव के बलिदान के रूप में याद करते हैं इसलिए यहां पर होली को कमान पंडिगई, कामाविलास और कामा-दाहानाम कहते हैं. कर्नाटक में होली के पर्व को कामना हब्बा के रूप में मनाते हैं.
महाराष्ट्र- गोव और गुजरात में होली के रंग
महाराष्ट्र में होली को 'फाल्गुन पूर्णिमा' और 'रंग पंचमी' के नाम से जानते हैं. गोवा के मछुआरा समाज इसे शिमगो या शिमगा कहता है. गोवा की स्थानीय कोंकणी भाषा में शिमगो कहा जाता है. इसके अलावा गुजरात में गोविंदा होली की खासी धूम होती है.
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होली वाले दिन होलिका दहन होता है, दूसरे दिन धुलैंडी मनाते हैं और पांचवें दिन रंग पंचमी मनाते हैं, यहां के आदिवासियों में होली की खासी धूम होती है.
हरियाणा और पंजाब
हरियाणा में होली को दुलंडी या धुलैंडी के नाम से जानते हैं. वहीं पंजाब में होली को 'होला मोहल्ला' कहते हैं.
पश्चिम बंगाल और ओडिशा
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में होली को 'बसंत उत्सव' और 'डोल पूर्णिमा' के नाम से जाना जाता है.
मणिपुर और असम
मणिपुर में इसे योशांग या याओसांग कहते हैं, यहां धुलेंडी वाले दिन को पिचकारी कहा जाता है. असम इसे 'फगवाह' या 'देओल' कहते हैं.
होली का शुभ मुहूर्त (Holi Shubh Muhurat)
इस साल होलिका दहन 9 मार्च को मनाई जाएगी.
शुभ मुहूर्त मुहूर्त- 18:22 से 20:49
भद्रा पूंछ- 09:37 से 10:38
भद्रा मुख- 10:38 से 12:19
रंगवाली होली- 10 मार्च
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 03:03 (9 मार्च)