इस साल वृंदावन की होली मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से बने गुलाल से महकेगी. इन फूलों से गुलाल बनाने का काम शहर में रहने वाली विधवाएं एवं परित्यक्त महिलाएं कर रही हैं. चैतन्य विहार स्थित महिला आश्रय सदन 'संवासिनी' की महिलाएं महिला एवं बाल विकास विभाग की अगुआई में गठित ‘ब्रज गंधा प्रसार समिति’ की देखरेख में फूलों से पर्यावरण एवं स्वास्थ्य अनुकूल रंग और गुलाल बना रही हैं.
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इसमें कन्नौज की सरकारी संस्था ‘सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र’ तकनीकी सहयोग कर रहा है. ‘ब्रज गंधा प्रसार समिति’ के पदेन सचिव एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉक्टर श्याम अनुराग रस्तोगी ने बताया, 'इस योजना का लक्ष्य वृन्दावन के मंदिरों में चढ़ाए गए फूलों का सदुपयोग कर विधवा एवं परित्यक्त महिलाओं को स्वरोजगार का अवसर देना और उनमें स्वावलंबन की भावना पैदा करना है. यह पिछले साल शुरू की गई. इसमें फूलों से कई प्रकार का सुगंधित एवं अहानिकारक गुलाल, अगरबत्ती, धूपबत्ती आदि वस्तुएं बनाई जा रही हैं.'
उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए इस परियोजना में भाग लेने की बाध्यता नहीं है. यह स्वैच्छिक है. इसमें काम करने वालों को पारिश्रमिक और उत्पाद बिकने पर होने वाले लाभ में अंश भी दिया जाता है. अर्जित धन सीधा महिलाओं के खाते में डाला जाता है.
रस्तोगी ने बताया कि फिलहाल सारे फूल ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर से लिए जा रहे हैं. पिछले साल करीब सवा क्विंटल गुलाल बनाया गया. इस बार तीन से चार क्विंटल गुलाल बनाए जाने की उम्मीद है.