Advertisment

Holi 2024: क्या जैन धर्म में भी खेली जाती है होली, जानें इसके धार्मिक महत्व

Holi 2024: हिंदू धर्म में होली का कितना महत्व है ये तो सब जानते हैं लेकिन क्या आप जानते है कि जैन धर्म में होली मनायी जाती है या नहीं. अगर नहीं तो ये जानकारी आपके लिए लाभदायक है.

author-image
Inna Khosla
New Update
Holi In Jain Dharm

Holi In Jain Dharm( Photo Credit : social media)

Advertisment

Holi 2024: जैन धर्म में भी होली का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन इसे धार्मिक रूप से अलग तरीके से मनाया जाता है. जैन धर्म में होली को "धूपावली" या "धूपचोंटी" कहा जाता है, और यह मुख्य रूप से भगवान महावीर की जयंती के रूप में मनाई जाती है. इस दिन जैन समुदाय के लोग धर्मिक गतिविधियों, प्रार्थना, और सेवा करते हैं, और भगवान महावीर की उपासना करते हैं. जैन समुदाय में, होली को एक धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, जिसमें ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा की शुद्धि और उन्नति को महत्व दिया जाता है. इसमें रंगों का उपयोग नहीं किया जाता, और इसे साधु-संतों के संग कोई साधना या प्रवचन के साथ बिताया जाता है. जैन समुदाय में होली का त्योहार धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ मनाया जाता है, जो आत्मा की शुद्धि और उन्नति के माध्यम से आत्मा की उत्थान को प्रोत्साहित करता है.

जैन धर्म में होली का महत्व 

होली का त्यौहार जैन धर्म में  भगवान महावीर के जन्म से जुड़ा हुआ है. जैन धर्म के अनुसार, भगवान महावीर का जन्म चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को हुआ था. इस दिन लोग भगवान महावीर का जन्मदिन मनाते हैं और होली खेलते हैं. होली का त्यौहार भगवान ऋषभदेव के मोक्ष से भी जुड़ा हुआ है. जैन धर्म के अनुसार, भगवान ऋषभदेव ने चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मोक्ष प्राप्त किया था. इस दिन लोग भगवान ऋषभदेव के मोक्ष का उत्सव मनाते हैं और होली खेलते हैं. होली का त्यौहार वसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है. वसंत ऋतु को प्रकृति के नवजीवन का प्रतीक माना जाता है. इस दिन लोग वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करते हैं और होली खेलते हैं.

जैन धर्म में होली मनाने का तरीका

लोग सुबह-सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनते हैं. महावीर और भगवान ऋषभदेव की पूजा करते हैं. जैन धर्मावलंबी होली के दिन रंगों का प्रयोग नहीं करते हैं. वे एक दूसरे को गुलाल, फूल और अबीर लगाते हैं. वे धार्मिक गीत गाते हैं और भगवान का नाम लेते हैं. गरीबों और जरूरतमंदों को दान करते हैं.  भगवान महावीर की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. वे एक दूसरे को "धुलेंडी" या "धुलंडी" की शुभकामनाएं देते हैं. "धुलेंडी" या "धुलंडी" के गीत गाते हैं और ढोल-नगाड़े बजाते हैं. एक दूसरे को "धुलेंडी" या "धुलंडी" के उपहार देते हैं. 

जैन धर्म में होली का त्यौहार धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है. यह त्यौहार भगवान महावीर और भगवान ऋषभदेव के प्रति भक्ति, वसंत ऋतु के आगमन का स्वागत, और सामाजिक समरसता का प्रतीक है.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Read also: Gan Dosh in Kundli: क्या कुंडली का गण दोष डालता है विवाह में बाधा

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Religion News Religion लोकसभा चुनाव 2024 Jain Dharm Do Jains celebrate Holi or not holi 2024 in hindi holi in jain dharm
Advertisment
Advertisment
Advertisment