पूरे देश में होली (Holi 2020) की धूम है. होली के रंगों का खुमार धीरे-धीरे लोगों पर चढ़ रहा है. इस बार मंगलवार 10 मार्च को होली महोत्सव मनाया जाएगा. होली से पहले होलिका दहन (Holika Dahan) मनाया जाता है. होलिका दहन होली की पूर्व संध्या पर मनाया जाता है. होलिका दहन इस बार सोमवार 9 मार्च को मनाया जाएगा. हिंदुओं का दीपावली के बाद होली सबसे बड़ा त्योहार है. हिंदू धर्म की संस्कृति और सभ्यता उनके त्योहारों में झलकती है.
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पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है
यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन सभी लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं. होलिका दहन के पीछे विष्णु भक्त प्रह्लाद और होलिका की कहानी छुपा हुआ है. इसके अलावा भी होली मनाने के कई कारण हैं. होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होता है जो हिंदू वर्ष का अंतिम दिन होता है.
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नए अनाज से इसकी पूजा होती
इसके बाद अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा शुरू हो जाती है, जो पूर्णिमा के अनुसार नया साल का आरंभ है. इस दिन से हिंदू नववर्ष आरंभ होगा. होलिका दहन के अवसर पर पुराने वर्ष की बुराइयों का अंत कर नए शुभ वर्ष की शुभ कामना का पर्व भी है होली. इसलिए नए अनाज से इसकी पूजा होती है. रंग गुलाल लगाकर लोग खुशियां मनाते हैं. हिरण्यकश्यप की बहन होलिक जिसे आग में ना जलने का वरदान मिला था. प्रह्लाद को मारने के लिए अपने भाई के कहने पर उसने उसे गोद में लेकर बैठ गई. लेकिन भगवान की कृपा से वह खुद जल कर राख हो गई, लेकिन प्रह्लाद को आंच तक नहीं आई.
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हिन्दू धर्म में कोई भी चीज पहले भगवान को अर्पण की जाती है
प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करते थे. उनकी भक्ति में लीन रहते थे. लेकिन उसके पिता हिरण्यकश्यप को ये पसंद नहीं था. इसलिए उसने प्रह्लाद को मारने के लिए कई जतन किए, लेकिन सफलता नहीं मिली. अंत में हिरण्यकश्यप भी मारा गया. होली के समय नई फसल (जौ, गेहूं और चने) पककर तैयार हो जाती है और हिन्दू धर्म में कोई भी चीज पहले भगवान को अर्पण की जाती है. इसलिए आज के दिन किसान अग्नि में नए अन्न को भगवान को समर्पित करते हैं.
होलिका दहन शुभ मुहूर्त 2020 (Holika Dahan 2020 Date and Time)
होलिका दहन- सोमवार, 9 मार्च 2020
होलिक दहन शुभ मुहूर्त- शाम 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 49 मिनट तक
होलिक दहन अवधि- 2 घंटे
भद्रा पुंछा - सुबह 9 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक
भद्रा मुखा : सुबह 10 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक