Holika Dahan 2023 : फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को प्रदोष काल में यानि की सूर्यास्त के बाद रात के प्रारंभ में होलिका दहन किया जाएगा. भद्र के समय होलिका दहन करना वर्जित है. भद्रा को अशुभ माना जाता है. इस समय अगर आप होलिका दहन करते हैं, तो आपको अशुभ फल की प्राप्ति होगी. इसलिए जब भद्रा का समय न हो, तब आप होलिका दहन करें. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि होलिका दहन कब है, होलिका दहन में भद्रा का समय कब है, होलिका दहन के समय किन नियमों को पालन करना जरूरी है.
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कब है होलिका दहन?
हिंदू पंचांग के अनुसार, दिनांक 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट पर फाल्गुन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो जाएगी. जो अगले दिन यानि कि दिनांक 07मार्च को शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगा. इसलिए होलिका दहन 07 मार्च को किया जाएगा.
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भद्रा के समय भूलकर भी न करें होलिका दहन
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि में भद्रा दिनांक 06 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से भद्रा शुरु हो जाएगा, जो अगले दिन यानि कि दिनांक 07 मार्च को सुबह 05 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
होलिका दहन का शुभ समय
होलिका दहन का शुभ समय दिनांक 07 मार्च को शाम 06 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक रहेगा.
होलिका दहन के समय इन नियमों का जरूर करें पालन
1. होलिका दहन के लिए आम, पीपल, बरगद, आंवला की लकड़ियों का उपयोग नहीं किया जाता है.
2.होलिका दहन की पूजा के समय आपका मुख पूर्व या फिर उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए.
3. होलिका दहन से पहले कम से कम 7 बार परिक्रमा जरूर करना चाहिए.
4. होलिका को जलाने से पहले परिवार की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए.
5. होलिका जलाने से पहले परिवार के सदस्यों को उबटन लगाना चाहिए.