Holika Dahan 2024: हर फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि को होली के उत्सव के पूर्व सन्ध्या पर होलिका दहन का आयोजन होता है. यह परंपरा अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ रंगों के उत्सव की शुरुआत को भी चिन्हित करती है. इस दिन लोग शुभ मुहूर्त में मंदिरों में जाकर भगवान नरसिंह, राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की आरती करते हैं. इसके साथ ही, वे होलिका दहन का रंगीन समारोह भी आयोजित करते हैं, जिसमें लोग आग के चारों तरफ बैठकर गाने-नाचने का आनंद लेते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए आराधना और पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है. इस अवसर पर आप होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में उपयुक्त आरतियों को करके अपने घर को प्रसन्नता और शुभकामनाओं से भर सकते हैं.
होलिका दहन की पूजा में 3 महत्वपूर्ण आरतियां:
1. श्री प्रह्लाद आरती:
जय जय प्रह्लाद राय, नारायण की शरण में.
होलिका जली, प्रह्लाद बचे, बलिहारी नारायण की..
2. श्री नृसिंह भगवान की आरती:
ॐ जय नृसिंह हरे, प्रभु जय नृसिंह हरे.
स्तंभ फाड़ प्रभु प्रकटे, जनका ताप हरे..
3. श्री राधा कृष्ण आरती:
जय जय राधा रमण, हरे कृष्ण हरे.
कान्हा तुमसे मिलन की, आस हमारी बढ़े..
इन आरतियों के अलावा भी, आप अपनी श्रद्धा के अनुसार अन्य आरतियां भी कर सकते हैं. यहां कुछ अन्य लोकप्रिय होलिका दहन आरतियां हैं:
- होलिका दहन की आरती
- श्री रंगनाथ जी की आरती
- श्री कृष्ण चंद्र की आरती
- श्री राम जी की आरती
होलिका दहन के समय, आप निम्नलिखित मंत्र का भी जाप कर सकते हैं:
ॐ जय जय नमो नारायण, कल्याण कारी.
होलिका दहन करो, पापों का नाश करो..
यह मंत्र बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी. आप सभी को होलिका दहन की शुभकामनाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau