Holika Dahan 2024: होलिका दहन के अवसर पर लोग कच्चा सूत चढ़ाते हैं क्योंकि यह एक प्राचीन परंपरा है. इस परंपरा के अनुसार, कच्चा सूत होलिका को प्रतिष्ठा का प्रतीक समझा जाता है. होलिका दहन (Holika Dahan 2024) का त्योहार होली के पूर्व दिन मनाया जाता है, जब लोग होली के त्योहार के अवसर पर होली का खेल खेलते हैं. इस परंपरा के अनुसार, होली के पूर्व दिन को लोग बूरा नामक एक व्यक्ति का दहन करते हैं, जिसे होली के राजा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका कहा जाता है. यह व्यक्ति एक परम दानव था जो भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को मारने की कोशिश करता था. होलिका दहन (Holika Dahan 2024) के अग्नि में कच्चा सूत चढ़ाने से माना जाता है कि सूत बहिन होलिका ने विष्णु भक्त प्रह्लाद की हिंसा करने की कोशिश की थी, जिसका परिणाम उसकी मृत्यु हो गई थी. इसलिए यह परंपरा होली के अगले दिन होली का खेल खेलने से पहले समाप्त होती है. होली का त्योहार रंगों, खुशी और उत्सव का प्रतीक है. इस त्योहार के दौरान, होलिका दहन की रात को लोग एक बड़ी चिता जलाते हैं और उसमें विभिन्न चीजें चढ़ाते हैं. इनमें से एक चीज है कच्चा सूत.
कच्चा सूत चढ़ाने के पीछे कई लाभ और महत्व हैं:
1. नकारात्मकता का नाश: कच्चा सूत नकारात्मक विचारों, भावनाओं और ऊर्जाओं का प्रतीक माना जाता है. इसे होलिका दहन की अग्नि में चढ़ाने से इन नकारात्मक चीजों का नाश होता है और सकारात्मकता का आगमन होता है.
2. बुरी आत्माओं से सुरक्षा: माना जाता है कि होलिका दहन की अग्नि में कच्चा सूत चढ़ाने से बुरी आत्माएं दूर भागती हैं और घर-परिवार पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है.
3. ग्रहों की दशा में सुधार: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, होलिका दहन (Holika Dahan 2024)की अग्नि में कच्चा सूत चढ़ाने से ग्रहों की दशा में सुधार होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.
4. स्वास्थ्य लाभ: कच्चा सूत चढ़ाने से स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं. माना जाता है कि यह रोगों का नाश करता है और शरीर को स्वस्थ रखता है.
5. समृद्धि और सफलता: होलिका दहन की अग्नि में कच्चा सूत चढ़ाने से समृद्धि और सफलता भी प्राप्त होती है. यह धन-धान्य और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है.
कच्चा सूत चढ़ाने की विधि: होलिका दहन की रात को, होलिका की चिता के चारों ओर तीन बार कच्चा सूत लपेटें. इसके बाद, चिता में थोड़ा सा घी डालें और कच्चे सूत को जला दें. मन में सकारात्मक विचार रखें और प्रार्थना करें. कच्चा सूत चढ़ाने की विधि अलग-अलग स्थानों में भिन्न हो सकती है. होलिका का त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है. यह त्योहार हमें नई शुरुआत और सकारात्मकता का संदेश देता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau