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Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि शारदीय नवरात्रि से कैसे अलग है, जानें इससे जुड़ी रोचक बातें

Navratri 2024: नवरात्रि एक हिन्दू सांस्कृतिक पर्व है जो माँ दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान भक्तों को आध्यात्मिक उत्थान और परिवारिक माहौल का आनंद मिलता है.

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Inna Khosla
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Chaitra Navratri is different from Shardiya Navratri

Navratri 2024:( Photo Credit : News Nation)

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Navratri 2024: नवरात्रि भारतीय सांस्कृतिक पर्व है जो माता दुर्गा की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है. यह पर्व नवरात्रि के नौ दिनों तक मनाया जाता है और हर दिन एक विशेष रूप माता की पूजा किया जाता है. नवरात्रि का महत्व धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक होता है और यह हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण समय माना जाता है. नवरात्रि का आयोजन वसंत और शरद ऋतु के महिनों में होता है, जब प्रकृति की सुंदरता का उत्सव मनाया जाता है. इस पर्व में माता दुर्गा की विजय का उत्सव मनाया जाता है, जिसे 'विजयादशमी' के रूप में भी जाना जाता है. नवरात्रि के दौरान, लोग व्रत रखते हैं और माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं. यहाँ भोग, पुष्प, चन्दन, कुमकुम, और धूप जलाकर माँ का स्वागत किया जाता है. यह नौ दिनों के दौरान धार्मिक और सामाजिक आयोजनों के साथ-साथ सांस्कृतिक उत्सवों का समय है. नवरात्रि के दौरान लोग ध्यान और आध्यात्मिकता में लगे रहते हैं. यह एक शक्ति पर्व है जो माँ दुर्गा की प्राप्ति का समय है. इसके अलावा, यह एक उत्कृष्ट अवसर है जब परिवार और समाज के सभी सदस्य एक साथ आकर्षक परिवारिक माहौल में एकत्रित होते हैं. नवरात्रि के दिनों में, लोग विभिन्न रूपों में माँ दुर्गा को आराधना करते हैं, जैसे कि शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, और सिद्धिदात्री. नवरात्रि के दिनों में भक्तों को भगवान राम की भी पूजा की जाती है, जिसे 'रामनवमी' के रूप में मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा और आराधना करने से लोगों को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य, सुख, और समृद्धि मिलती है. इस अवसर पर धार्मिकता, भक्ति, और समर्पण का भाव महसूस होता है जो व्यक्ति को आध्यात्मिक उत्थान की दिशा में ले जाता है.

चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में अंतर

समय

चैत्र नवरात्रि: हिंदू कैलेंडर के चैत्र महीने (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाता है, जो वसंत ऋतु का प्रारंभिक चरण होता है. यह नवरात्रि प्रकृति के नवजीवन और उल्लास का प्रतीक है.

शारदीय नवरात्रि: हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने (सितंबर-अक्टूबर) में मनाया जाता है, जो शरद ऋतु का मध्य होता है. यह नवरात्रि देवी दुर्गा की शक्ति और विजय का प्रतीक है.

महत्व

चैत्र नवरात्रि: इस नवरात्रि को वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है. लोग नौ दिनों तक देवी दुर्गा की भक्ति करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

शारदीय नवरात्रि: इस नवरात्रि को देवी दुर्गा की विजय का प्रतीक माना जाता है. लोग नौ दिनों तक देवी दुर्गा की पूजा करते हैं और उनसे बुराई पर अच्छाई की विजय का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

उपवास

चैत्र नवरात्रि: इस नवरात्रि में कुछ लोग नौ दिन का उपवास रखते हैं, जबकि कुछ लोग केवल पहले और अंतिम दिन उपवास रखते हैं.

शारदीय नवरात्रि: इस नवरात्रि में अधिकांश लोग नौ दिन का उपवास रखते हैं.

त्यौहार

चैत्र नवरात्रि: इस नवरात्रि के अंतिम दिन राम नवमी मनाई जाती है, जो भगवान राम के जन्म का प्रतीक है.

शारदीय नवरात्रि: इस नवरात्रि के अंतिम दिन दशहरा मनाया जाता है, जो देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर पर विजय का प्रतीक है.

चैत्र नवरात्रि में लोग अक्सर हरे रंग के कपड़े पहनते हैं, जो वसंत ऋतु के रंग का प्रतीक है. शारदीय नवरात्रि में लोग अक्सर लाल रंग के कपड़े पहनते हैं, जो देवी दुर्गा की शक्ति का प्रतीक है. ये अंतर केवल सामान्य हैं और क्षेत्र और परंपरा के अनुसार अलग हो सकते हैं. नवरात्रि का मुख्य उद्देश्य देवी दुर्गा की भक्ति और आत्म-शुद्धि है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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