Shanivar ke Upay: शनिवार का व्रत शनि देव को प्रसन्न करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए रखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में, शनि को कर्म का देवता माना जाता है. यह माना जाता है कि शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं. शनिवार का व्रत शनि ग्रह के प्रकोप से रक्षा करने का एक प्रमुख उपाय है. इस व्रत में शनिवार को भगवान शनि की पूजा और अर्चना की जाती है, जिससे उनके क्रोध को शांत किया जा सकता है.
शनिवार का व्रत कैसे रखें: शनिवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्वच्छ वस्त्र पहनें और शनिवार देव की प्रतिमा स्थापित करें. शनिवार देव की पूजा करने के लिए फूल, काले तिल, और तेल चढ़ाएं और फिर व्रत का संकल्प लें. शनिवार की शाम को शनि देव की आरती करें और रात को भोजन करें.
शनिवार व्रत के नियम: शनिवार के दिन मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन न करें. झूठ न बोलें, शनिवार के दिन किसी को गाली न दें और दान करें. शनिवार का व्रत एक सरल और प्रभावी उपाय है शनि देव को प्रसन्न करने और उनके प्रकोप से बचने के लिए.
शनिवार का व्रत रखने के लाभ: शनिवार का व्रत शनि देव को प्रसन्न करता है. जब शनि देव प्रसन्न होते हैं, तो वे व्यक्ति को उसके कर्मों का शुभ फल देते हैं. ये व्रत शनि के प्रकोप से बचाता है. शनि देव को न्याय का देवता भी माना जाता है. यदि कोई व्यक्ति गलत कर्म करता है, तो शनि देव उसे दंडित करते हैं. शनिवार का व्रत शनि देव के प्रकोप से बचने का एक तरीका है. शनि की साढ़ेसाती और महादशा के दुष्प्रभावों को कम करता है. शनि की साढ़ेसाती और महादशा व्यक्ति के जीवन में कई कष्टों का कारण बन सकती है. शनिवार का व्रत इन कष्टों को कम करने में मदद करता है. शनि देव को वात रोगों का देवता भी माना जाता है. शनिवार का व्रत वात रोगों से बचाव में मदद करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau