इस साल कोरोना काल में आपके शहर में कैसे मनेगा दशहरा, देखें Video

दशहरा त्योहार (Dussehra festival) आने में अब सिर्फ दो दिन ही बचे हैं. इस बार दशहरा शुक्रवार यानी 15 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा.

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Deepak Pandey
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इस साल कोरोना काल में आपके शहर में कैसे मनेगा दशहरा( Photo Credit : फाइल फोटो)

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Dussehra celebrated 2021 : दशहरा त्योहार (Dussehra festival) आने में अब सिर्फ दो दिन ही बचे हैं. इस बार दशहरा शुक्रवार यानी 15 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दिन लोग रावण दहन देखने को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं, लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से कई जगहों पर सख्त गाइलाइन जारी की गई हैं. हालांकि, कई जगहों पर जोरशोर से दशहरे की तैयारी भी देखने को मिल रही है. आइये हम आपको बताते हैं कि देशभर के बड़े शहरों में दशहरे की क्या तैयारी चल रही है.

मध्य प्रदेश में दशहरे की स्थिति

मध्य प्रदेश में से दशहरे को लेकर शासन की ओर से कुछ दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. इसके तहत रावण दहन के पहले होने वाले श्रीराम के चल समारोह को प्रतीकात्मक रूप से निकालने की मंजूरी दी हई है. रावण दहन कार्यक्रम के लिए जिला कलेक्टर से पहले ही अनुमति लेनी होगी. हालांकि, यह मंजूरी खुले मैदान, फेस मास्क का इस्तेमाल और सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों पर ही दी जाएगी. अर्थात् एमपी में रावण दहन तो होगा, लेकिन वहां मैदान की क्षमता के 50 प्रतिशत ही लोग जा सकेंगे. 

राजस्थान 

राजस्थान सरकार ने दशहरा से कुछ दिन पहले गरबा और डांडिया खेलने वालों को राहत देते हुए इसके आयोजनों की छूट दे दी है. राज्य सरकार ने ऐलान किया है कि 200 लोग डांडिया और गरबा खेलने के लिए धार्मिक आयोजनों में शामिल हो सकते हैं, लेकिन वैक्सीन की एक डोज लगी है. हालांकि, राजस्थान में रावण दहन पर प्रतिबंध जारी रहेगा. 

कोटा 

कोटा का दशहरा मेला काफी फेमस है, लेकिन इस बार प्रतीकात्मक रावण दहन किया जाएगा. इस बार रावण का पुतला 20 से 25 फीट का ही बनेगा. यह हमेशा 100 फीट के लगभग बनाया जाता था. हालांकि, इस बार कोटा में चुनिंदा लोगों की उपस्थिति में ही रावण दहन होगा. दशहरा के दिन लगने वाले मेले की मंजूरी नहीं होगी.

मुंबई

मुंबई में रावण दहन को लेकर बीएमसी ने अभी तक कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं की है.

बस्तर

विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की रस्में जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे-वैसे ही प्रशासन की मुश्किलें भी बढ़ने लगी हैं. कोरोना नियमों के तहत ही सभी रस्मों को पूरा किया जा रहा है, लेकिन बस्तर के आराध्य पर्व होने से ग्रामीणों और शहरवासियों की मौजूदगी बड़ी संख्या में हो रही है. कोरोना को देखते हुए प्रशासन बैनर पोस्टर से रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार कर रहा है. जिला प्रशासन ने गरबा और दुर्गा पंडालों को रात दस बजे तक संचालन की मंजूरी दी है. 

आपको बता दें कि बस्तर में रावण दहन नहीं किया जाता है. बस्तर दशहरा पर्व में चलने वाले रथ परिक्रमा, निशा जात्रा, भीतर रेनी, बाहर रेनी, मावली परघाव और मुरिया दरबार जैसे रस्मों में सीमित लोगों के शामिल होने की मंजूरी दी गई है, लेकिन बस्तर के प्रमुख पर्व होने की वजह से लोग पर्व को मनाने उमड़ रहे हैं.

कुल्लू

इस बार अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव लगभग 50 साल पुराने रूप में नजर आएगा. इस बार न तो व्यापारिक गतिविधियां होंगी और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम. सिर्फ देवी-देवता और उनके रथ ही ढालपुर मैदान की शोभा बढ़ाएंगे. इस बार प्रशासन ने कोरोना वायरस की बंदिशों से बिना व्यवसायिक गतिविधियों व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मेला आयोजित करने का फैसला लिया है. 

लखनऊ

पिछले 400 सालों से लखनऊ में दशहरे का त्योहार ऐशबाग में मनाया जाता है. कोरोना वायरस के चलते इस बार जो मंचन है वो ऑनलाइन आयोजित किया जा रहा है. साथ ही कार्यक्रमों को आयोजन की रामलीला यूट्यूब फेसबुक और वेबसाइट पर ही दिखाई जा रही है. हालांकि, इस बार कोरोना की गाइडलाइन होने से सिर्फ रावण ही बनाया जाएगा और दो अन्य पुतले मेघनाथ और कुंभकरण नहीं बनाए जाएंगे.

Source : News Nation Bureau

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