Religions In India: भारत को प्राचीन सभ्यताओं का घर कहा जाता है. ये विश्व की सबसे पुरानी सतत सभ्यताओं में से एक है. यहां कई धर्मों, संस्कृतियों, भाषाओं और जातीय समूहों का मिश्रण देखने को मिलता है. इसकी समृद्ध विरासत, जीवंत संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता इसे दुनिया के सबसे आकर्षक देशों में से एक बनाती है. इसके साथ ही भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश भी है, जहां अलग-अलग धर्मों के लोग शांतिपूर्वक रहते हैं. वर्तमान समय में देश की जनसंख्या लगभग 133 करोड़ से अधिक है. आइए जानते हैं कि भारत में कौन-कौन से प्रमुख धर्म हैं और इन धर्मों को मानने वाले लोगों की संख्या कितनी है
1. हिंदू धर्म
हिंदू धर्म भारत का सबसे प्रमुख और प्राचीन धर्म है. इसे सनातन धर्म के नाम से भी जाना जाता है. साल 2011 में जो जनगणना की गयी उसके अनुसार भारत में हिंदू धर्म के लगभग 82 करोड़ लोग हैं जो भारतीय जनसंख्या का लगभग 80% हैं. लेकिन अब ये जनसंख्या बीते कुछ सालों में बढ़ी है या घटी है इसकी सटीक जानकारी नहीं है. हालांकि, साल 2020 की एक रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 79% भारतीय जनसंख्या हिंदू धर्म का पालन करती है.
2. इस्लाम धर्म
भारत में इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. 13 साल पहले हुई जनगणना के आंकड़े के अनुसार भारत में 15 करोड़ मुसलमान रहते हैं जो इस्लाम धर्म के मानते हैं. यह जनसंख्या भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 14% है.
3. ईसाई धर्म
ईसाई धर्म भारत में तीसरे स्थान पर है. कुछ साल पहले जनगणना को आंकड़ा मिला है उसके अनुसार ईसाई अनुयायियों की संख्या भारत में लगभग 2.5 करोड़ है. मुख्य रूप से दक्षिण भारत में जनसंख्या अधिक है.
4. सिख धर्म
सिख धर्म की उत्पत्ति भी भारत में हुई थी. लेकिन फिर भी जनगणना के जिस आंकड़े को आधार माना जा रहा है उसके अनुसार भारत में लगभग 1.29 करोड़ सिख धर्म के लोग हैं. 2011 के बाद हालांकि सिख समुदाय का वैश्विक प्रसार भी देखने को मिलता है.
5. बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म भारत में व्यापक रूप से प्रचलित नहीं है लेकिन, इसके अनुयायी पूर्वी एशिया में अधिक हैं. भारत में हुई सरकारी जनगणना जो साल 2011 में हुई थी, उसके अनुसार बौद्ध अनुयायियों की संख्या यहां पर लगभग 84.5 लाख है. ये लोग मुख्य रूप से पूर्वी भारत में रहते हैं.
6. जैन धर्म
जैन धर्म की उत्पत्ति भी भारत में हुई थी और यह पूरे देश में फैला हुआ है. अब अगर ये कहा जाए की पूरे विश्व में इस समुदाय के लोग मजबूत स्थिति में हैं तो गलत नहीं होगा. 2011 की जनगणना के अनुसार जैन धर्म के लोगों की संख्या लगभग 44.5 लाख थी. जो लगातार बढ़ भी रही है. यह धर्म मुख्य रूप से व्यापारिक और उद्योगिक क्षेत्रों में फैला है. आप जैन धर्म के बहुत कम लोगों को ही नौकरी करते देखेंगे.
7. पारसी धर्म
पारसी धर्म का उद्भव छठी शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था. साल 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में पारसी अनुयायियों की संख्या लगभग 70,000 थी. मुख्य रूप से इनकी जनसंख्या मुंबई और गुजरात में केंद्रित है.
इसके अलावा, भारत में करीब 7 लाख लोग नास्तिक हैं, जो किसी भी धर्म का पालन नहीं करते हैं. वैसे आपको ये बता दें कि ये आंकड़े 2011 की जनगणना पर आधारित हैं. 2021 की जनगणना में इन संख्याओं में कुछ परिवर्तन संभव है. भारत में विविध धर्मों का वास है और हर धर्म को समान सम्मान मिलता है. सबसे अधिक संख्या में हिंदू धर्म के अनुयायी हैं, उसके बाद मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, और पारसी धर्म के अनुयायी आते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)