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तुलसी कितने प्रकार की होती है, जानें इसके धार्मिक और औषधीय लाभ

5 Types of Tulsi: तुलसी के पौधे की पूजा की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि तुलसी कितने प्रकार की होती है और उनका धार्मिक महत्व क्या है.

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Inna Khosla
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how many types of tulsi are there know its religious and medicinal benefits

Types of Tulsi ( Photo Credit : news nation)

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5 Types of Tulsi: तुलसी के पौधे की हिंदू धर्म में पूजा की जाती है. इसे आप भारत में ज्यादातर सभी लोगों के घर आंगन में जरूर देखेंगे. तुलसी कितनी तरह की होती है ये ऐसा सवाल है जिसे लोग सबसे ज्यादा सर्च करते हैं. बदलती पीढ़ियों के साथ तुलसी के फायदों के बारे में तो जागरुकता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है लेकिन अगर आप सिर्फ हरे पत्ते या फिर बैंगनी से रंग वाली तुलसी के पत्तों के बारे में ही जानते हैं तो आपको बता दें कि तुलसी एक-दो नहीं बल्कि 5 तरह की होती है. इसके धार्मिक और औषधीय कई लाभ है. तो आइए एक-एक करके जानते हैं तुलसी के प्रकार और उनसे मिलने वाले फायदों के बारे में. वैसे आपको बता दें तुलसी (ओसिमम सैंकट्रीयम) को हिंदी में तुलसी और अंग्रेजी में Holy Basil कहा जाता है. 

राम तुलसी (Ocimum sanctum):

इसे शुद्ध तुलसी भी कहा जाता है और यह सबसे प्रमुख और प्रसारबद्ध प्रजाति है. राम तुलसी के पत्ते हरे होते हैं और उनकी खुशबू मिठी होती है. इसे हिंदू धार्मिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है. माना जाता है कि ये सबसे पवित्र तुलसी का एक प्रकार है. 

कृष्ण तुलसी (Ocimum tenuiflorum):

कृष्ण तुलसी को श्याम या श्यामा तुलसी भी कहा जाता है और इसके पत्ते लगभग काले होते हैं. कृष्ण तुलसी का भी आयुर्वेदिक और होमियोपैथिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है. इसका धार्मिक महत्व भी है. 

वन तुलसी (Ocimum gratissimum):

यह प्रजाति भी विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती है और इसकी पत्तियां बड़ी होती हैं। इसे औषधीय उपयोग के लिए भी जाना जाता है।

अफ्रीकन तुलसी (Ocimum kilimandscharicum):

यह प्रजाति अफ्रीका में पाई जाती है और इसके पत्ते बड़े होते हैं। इसका भी आयुर्वेदिक और औषधीय उपयोग होता है।

लेमन तुलसी (Ocimum citriodorum):

इस प्रजाति के पत्ते नीले होते हैं और इसका स्वाद लेमन जैसा होता है। इसे चाय बनाने में या खाने में आदर्श बनाए रखने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है.

मान्यता है कि अगर आप पहली बार या नई तुलसी का पौधा अपने घर लेकर आ रहे हैं तो आप इसे गुरुवार के दिन ही स्थापित करें. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और तुलसी विष्णु जी को बहुत प्रिय है. बस एक बाद का ध्यान रखें कि गणेश जी की पूजा में गलती से भी तुलसी का प्रयोग ना करें. तुलसी के विभिन्न प्रजातियां भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में पाई जाती हैं और इन्हें धार्मिक, चिकित्सा, और उपासना के उद्देश्य से उपयोग किया जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

Source : News Nation Bureau

tulsi Tulsi Puja
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