Vastu Shastra Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, नवविवाहितों के बैडरूम का सही दिशा और डिजाइन उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश - ये पांच तत्व प्राकृतिक दुनिया के मूलभूत घटक हैं और वास्तु शास्त्र में इनका महत्वपूर्ण स्थान है. वास्तु शास्त्र का लक्ष्य घर में इन पांच तत्वों के बीच संतुलन स्थापित करना है, जिससे उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन में सकारात्म ऊर्जा बनी रहती है.
बैडरूम की दिशा और रंग
नवविवाहितों के बैडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे शुभ मानी जाती है. इस दिशा में बैडरूम होने से स्थिरता, समृद्धि, और संबंधों में मजबूत आधार बनता है. उत्तर-पूर्व (NE) दिशा में बैडरूम नहीं होना चाहिए क्योंकि यह दिशा ऊर्जा को अनावश्यक रूप से वितरित कर सकती है और संबंधों में समस्याएं उत्पन्न कर सकती हैं. हल्के और शांत रंग, जैसे कि हल्का नीला, पेस्टल ग्रीन, या क्रीम रंग, बैडरूम के लिए आदर्श होते हैं. ये रंग शांतिपूर्ण और आरामदायक माहौल बनाते हैं. बैडरूम का फर्नीचर भी स्थिर और मजबूत होना चाहिए. लकड़ी के फर्नीचर को प्राथमिकता दें. बैडरूम में खिड़कियाँ और दरवाजे सुव्यवस्थित रूप से रखें, जिससे अच्छी हवा और प्रकाश आ सके.
बिस्तर की स्थिति और आरामदायक माहौल
बिस्तर को ऐसा रखें कि जब आप बिस्तर पर लेटें, तो आपका सिर दक्षिण की ओर हो और पैर उत्तर की ओर. यह दिशा आपको अच्छी नींद और सुकून प्रदान करती है. बिस्तर को दीवार से सटा हुआ रखें, और बिस्तर के दोनों साइड में समान रूप से जगह छोड़ें. बिस्तर को कमरे के केंद्र में न रखें. पंखे और लाइट्स का भी खास ख्याल रखें. बैडरूम में हल्की और सुखदायक रोशनी रखें. अधिक चमकदार या भड़काऊ लाइट्स से बचें. पंखे की गति भी सामान्य और आरामदायक होनी चाहिए. बैडरूम को स्वच्छ और व्यवस्थित रखें. किसी भी प्रकार की अनावश्यक वस्तुएं या अव्यवस्था से बचें. पहाड़ों, झीलों या फूलों की तस्वीरें लगाना अच्छा होता है. इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)