Ancestors of Hinduism: भारत की समृद्ध वैज्ञानिक और गणितीय परंपरा में कई ऐसे महान पूर्वज हुए हैं, जिनकी उपलब्धियां न केवल अपने समय में अद्वितीय थीं, बल्कि आज भी वैज्ञानिक जगत में अद्वितीय मानी जाती हैं. इन महान वैज्ञानिकों और गणितज्ञों के योगदान ने आधुनिक विज्ञान की नींव रखी है. इन महान भारतीय वैज्ञानिकों और गणितज्ञों का योगदान न केवल उनके समय में महत्वपूर्ण था, बल्कि आज भी वैज्ञानिक और गणितीय अनुसंधान में उनकी खोजों का महत्वपूर्ण स्थान है. उनकी दूरदर्शिता और अनुसंधान ने आधुनिक विज्ञान की नींव रखी, और उनके सामने नासा के वैज्ञानिक भी नतमस्तक होते हैं. इन पूर्वजों के ज्ञान और अनुसंधान को सम्मान देना हमारे लिए गर्व का विषय है और यह हमें अपने वैज्ञानिक विरासत पर गर्व महसूस कराता है.
भारतीय ऋषियों और महर्षियों ने विशेष रूप से आध्यात्मिकता, ज्ञान, और विज्ञान के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है, जिससे उनकी भविष्यवाणियां आज भी महत्वपूर्ण हैं. हमारे पूर्वजों को बहुत सारी चीजें नासा के पता चलने के पहले से पता है. जैसे सूर्य जो सूर्य देव हैं उनके रथ में सात घोड़े क्यों है? क्योंकि हमारे पूर्वजों को ये पता था कि सात घोड़े मतलब सात रंग. हमको अपनी इन आंखों से नहीं दिखता है, मगर सूरज से आने वाली हर किरण में सात रंग होते हैं जिसको बाद में हम लोगों ने नाम दिया रेनबो का. उसी प्रकार हमको पता था की एक मिल्की है ब्रह्मांड में जिसको हम आकाश गंगा के नाम से जानते थे. मिल्की हुए नाम मिलने के पहले हम नासा का इंतजार नहीं कर रहे थे. एक टेलीस्कोप बनाके हम कोई दिखाने के लिए की मिल्की हुए क्या होता है? उसी तरह हमको पहले से पता था की सौर मंडल जिसको बाद में सोलर सिस्टम के नाम से जाना गया. पूरे विश्व में नौ ग्रह हैं. हमारे परिवारों में हिन्दू धर्म में सनातन धर्म में हर अच्छे और बुरे काम के अंत में नौ ग्रहों की या तो पूजा की जाती है या उनकी शांति की प्रार्थना की जाती है.
हमारे परिवार में जब कोई पैदा होता है तो नौ ग्रहों को देख के कुंडली बनाई जाती है और जब किसी की अंत्येष्टि होती है जब किसी का देहांत होता है. देह मतलब शरीर अंत मतलब अंत देह का अंत मतलब देहांत होता है तो भी नवग्रहों की पूजा की जाती है. आत्म शांति के लिए हम नए घर में गृह प्रवेश करते है तो भी हम नवग्रहों की पूजा करते है. उन नौ नाइन प्लांट्स को शांत करने के लिए अपने वश में अपनी तरफ रखने के लिए आपने देखा हुआ चावल के नौ ढेर. पूजा में उन ढेरों के ऊपर हर ढेर के ऊपर एक सुपारी वो डिपेक्शन होता है. वो नाइन प्लेनेट्स का एक समय था जब गलेली और उनके जैसे कई लोग विश्व को और खास करके वेस्टर्न कंट्रीज़ को ये समझाने की कोशिश कर रहे थे की पृथ्वी गोल है और सूरज बीच में और पृथ्वी सूरज के इर्द गिर्द घूमती है. कुछ लोगों को मार दिया गया, कुछ लोगों को हॉउस अरेस्ट कर दिया गया और सभी को एक नाम दिया गया वो था एंटी क्राइस्ट. जब वहां वो सब चल रहा था तो भी यहाँ इस देश में हम जियोग्राफी को भूगोल ही कहते थे. भू मतलब लैंड गोल मतलब गोल.
वाल्मीकि महर्षि एक प्रमुख हिंदी कवि और ऋषि थे, जिन्होंने रामायण का रचना की थी. उनकी भविष्यवाणियों में से कई का समय के साथ सत्यापन हुआ है. उन्होंने भविष्य में आने वाली घटनाओं के बारे में विस्तार से वर्णन किया था. ऋषि व्यास भारतीय परंपरा में एक महान ऋषि और ज्ञानी माने जाते हैं. उन्होंने महाभारत का रचना किया, जिसमें उन्होंने भविष्य के विषय में भी विवरण दिया था. ये भविष्यवाणियां आज भी प्रसिद्ध हैं. भरद्वाज ऋषि एक प्रसिद्ध ऋषि थे, जिन्होंने अपने ज्ञान और आध्यात्मिक अनुभव के माध्यम से भविष्य की भविष्यवाणियां की थी. उन्होंने अलग-अलग धर्मग्रंथों में अपने दर्शन प्रस्तुत किए जो आज भी मान्यता रखते हैं. अगस्त्य ऋषि भारतीय संस्कृति के एक महान आध्यात्मिक गुरु थे और उन्होंने विभिन्न विद्याओं में अपना ज्ञान बांटा. उनकी भविष्यवाणियां भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. ऋषि काण्व एक और प्रमुख ऋषि थे, जिन्होंने भारतीय धार्मिक ग्रंथों में अपने ज्ञान का विस्तार किया. उनकी भविष्यवाणियां धार्मिक और समाजिक संस्कृति में महत्वपूर्ण हैं.
इसके अलावा, आर्यभट्ट, ब्रह्मगुप्त, वराहमिहिर, भास्कराचार्य, चंद्रशेखर वेंकट रमन, श्रीनिवास रामानुजन, जगदीश चंद्र बोस जैसे भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्होंने दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source :