Shri Mahalaxmi Yantra: भारत में दिवाली का पर्व मां लक्ष्मी की पूजा और धन-समृद्धि के लिए खासकर मनाया जाता है. इस अवसर पर मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए कई उपाय और साधनाएं की जाती हैं. इनमें से एक प्रमुख साधन है श्री महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना और सिद्धि. श्री महालक्ष्मी यंत्र को दिवाली पर सिद्ध करने से घर में धन, वैभव, और समृद्धि का वास होता है. यह यंत्र मां लक्ष्मी की ऊर्जा को आकर्षित करता है और इसे सिद्ध करने के लिए दिवाली का समय अत्यंत शुभ माना जाता है. जो लोग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हों या जिन्हे घर में स्थायी रूप से धन-धान्य की वृद्धि चाहिए उन्हें इस यंत्र को दीवाली के दिन जरूर सिद्ध करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि कि इसका नियमित पूजन करने से व्यापार और व्यवसाय में भी उन्नति होती है और व्यक्ति के आर्थिक कष्ट दूर होते हैं.
श्री महालक्ष्मी यंत्र को सिद्ध करने की विधि (Shri Mahalaxmi Yantra Siddhi Vidhi)
श्री महालक्ष्मी यंत्र को दिवाली के दिन सिद्ध करना अत्यंत शुभ माना जाता है क्योंकि यह दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा और उनकी कृपा प्राप्ति का दिन होता है. इस दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती हैं. यंत्र को सही तरीके से सिद्ध करने पर यह व्यक्ति के जीवन में स्थायी रूप से मां लक्ष्मी की उपस्थिति को सुनिश्चित करता है. श्री महालक्ष्मी यंत्र को दिवाली के दिन प्रदोष काल (संध्या समय) में स्थापित करना चाहिए. यह समय सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि इस समय मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष ऊर्जा होती है.
पूजन सामग्री
- श्री महालक्ष्मी यंत्र
- शुद्ध घी का दीपक
- फूल (विशेषकर कमल के फूल)
- धूप और अगरबत्ती
- कुमकुम, चंदन और अक्षत (चावल)
- गंगाजल और शुद्ध जल
- सफेद वस्त्र
- मिठाई (प्रसाद के लिए)
सबसे पहले श्री महालक्ष्मी यंत्र को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं. इसके बाद यंत्र को साफ कपड़े से पोंछ लें और उसे लाल कपड़े पर स्थापित करें. इस दौरान ध्यान रखें कि आपका मन और स्थान दोनों शुद्ध और पवित्र हों. यंत्र के सामने बैठकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें और उन्हें मन, वचन और कर्म से पूजा में आमंत्रित करें.
मंत्र
"ॐ महालक्ष्म्यै नमः"
इस मंत्र का उच्चारण करते हुए यंत्र का ध्यान करें और मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें कि वे आपके घर में स्थायी रूप से विराजमान हों. यंत्र पर कुमकुम, चंदन, अक्षत अर्पित करें. फिर फूल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं. धूप और अगरबत्ती से यंत्र की आरती करें. इसके बाद मिठाई (प्रसाद) अर्पित करें. यंत्र को पूरे विधि-विधान से पूजें और मन से मां लक्ष्मी का ध्यान करें.
महालक्ष्मी मंत्र का जप
"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः"
इस मंत्र का 108 बार जप करें. यह मंत्र मां लक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है. मंत्र का उच्चारण करते समय मां लक्ष्मी के चित्र या मूर्ति का ध्यान करें और यंत्र की ओर अपना पूरा विश्वास केंद्रित करें. पूजा के बाद श्री महालक्ष्मी यंत्र को अपने पूजा स्थान या तिजोरी में स्थापित करें. इसे वहां रखें जहां आप प्रतिदिन मां लक्ष्मी का ध्यान और पूजन कर सकें. यंत्र को नियमित रूप से साफ और पूजित रखें ताकि इसकी ऊर्जा सक्रिय रहे.
श्री महालक्ष्मी यंत्र के लाभ (Benefits of Shri Mahalaxmi Yantra)
श्री महालक्ष्मी यंत्र की पूजा से घर में धन की कभी कमी नहीं होती. यह यंत्र धन की देवी लक्ष्मी की कृपा को स्थायी रूप से आकर्षित करता है. व्यापार और व्यवसाय में लाभ के लिए इस यंत्र की सिद्धि अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह व्यापारिक कष्टों को दूर करता है और नए अवसर प्रदान करता है. जिन व्यक्तियों के ऊपर कर्ज या ऋण का बोझ हो उनके लिए श्री महालक्ष्मी यंत्र विशेष रूप से लाभकारी होता है. यह यंत्र उन्हें ऋण से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है. इस यंत्र की पूजा से न केवल आर्थिक समृद्धि होती है बल्कि परिवार में शांति और सद्भाव का भी वास होता है.
श्री महालक्ष्मी यंत्र नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य से भी रक्षा करता है. यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता और शुभ फल लाता है. इस यंत्र को दिवाली के दिन सिद्ध करना अत्यंत शुभ और लाभकारी है. यह यंत्र धन, वैभव, समृद्धि, और सुख-शांति का प्रतीक है और इसके पूजन से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. नियमित रूप से इस यंत्र की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में स्थायी समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)