How to do Kalash Sthapana: नवरात्रि के नौ दिनों में देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री. पहले दिन घट स्थापना होती है और घट में जल, गेहूं, जौ आदि भरकर उसे देवी के रूप में पूजा जाता है. नवरात्रि के दौरान अखंड दीपक भी जलाया जाता है जिसे अखंड जोत कहते हैं.लोग देवी माता की कथाएं सुनते हैं उनके भजन करते हैं और ध्यानमग्न रहते हैं. गुजरात में नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया जैसे लोक नृत्य किए जाते हैं.
शारदीय नवरात्रि घटस्थापना शुभ मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि अक्टूबर 03, 2024 को 12:18 ए एम बजे से प्रारंभ हो रही है जो अगले दिन अक्टूबर 04 को 02:58 ए एम बजे पर समाप्त होगी. आश्विन घटस्थापना बृहस्पतिवार, अक्टूबर 3, 2024 को ही जाएगी.
- घटस्थापना मुहूर्त - 06:15 ए एम से 07:22 ए एम
- घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 11:46 ए एम से 12:33 पी एम
कलश स्थापना कैसे करते हैं? (How to do Kalash Sthapana?)
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के लिए सबसे पहले आप पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और अक्षत अष्टदल बनाएं. अब आप इस पर मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान करें. इसके बाद, कलश को पानी से भरें और उसमें गंगाजल, सिक्का, रोली, हल्दी गांठ, दूर्वा, सुपारी डालकर कलश स्थापित करें. कलश में 5 आम के पत्ते रखकर उसे ढक दें. ऊपर से नारियल में कलावा बांधकर रख दें. आप चाहें तो लाल चुन्नी भी बांधकर रख सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)