Achyutananda Das Bhavishyavani: संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणियों और सनातन धर्म के गहरे रहस्यों के अनुसार, 2024 का वर्ष भारत के लिए एक बहुत ही गंभीर और आपदामय हो सकता है. इस वर्ष के दौरान भारत पर परमाणु हमले (Nuclear Bomb Attack) का खतरा मंडराता हुआ दिख रहा है, और ऐसा माना जा रहा है कि भारत को चारों तरफ से घेरने वाले देश उस पर हमला कर सकते हैं. कौन से देश भारत के विरुद्ध एकजुट हो सकते हैं, क्या भारत को इस संकट का सामना अकेले करना पड़ेगा, और इस महायुद्ध में भारत अपने सबसे करीबी मित्र को खो देगा या नहीं.
संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणी: भारत पर परमाणु हमला
संत अच्युतानंद महाराज के अनुसार आने वाले समय में चीन और 13 मुस्लिम देश मिलकर भारत पर हमला करेंगे. यह कहा जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी खोई हुई ताकत को वापस पाने की कोशिश में चीन के कहने पर भारत पर हमला करेगा. इस महायुद्ध में 12 मुस्लिम देश, चीन, और यहां तक कि रूस भी शामिल होगा.
रूस की भूमिका: मित्र या शत्रु?
रूस और भारत के बीच लंबे समय से घनिष्ठ मित्रता रही है. रूस ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के पक्ष में चार बार वीटो का उपयोग किया है, और भारत ने भी रूस को यूक्रेन युद्ध में आर्थिक रूप से मदद की है. लेकिन संत अच्युतानंद महाराज की पुस्तक भविष्य मलिका के अनुसार, रूस इस युद्ध में भारत के खिलाफ तो नहीं जाएगा लेकिन वह भी भारत की मदद नहीं करेगा. रूस तटस्थ रहेगा, जैसा कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध में किया था. यह तटस्थता भारत के लिए घातक साबित हो सकती है क्योंकि रूस इस स्थिति का लाभ उठाकर पश्चिमी देशों पर कब्जा करने की कोशिश करेगा.
भारत का अकेला संघर्ष
संत अच्युतानंद महाराज के अनुसार, इस महायुद्ध में भारत को अकेले ही संघर्ष करना पड़ेगा. चीन के नेतृत्व में 14 देशों की सेनाएं भारत को चारों तरफ से घेर लेंगी. उत्तर में चीन, जबकि पूर्व, पश्चिम, और दक्षिण से मुस्लिम देशों की सेनाएं भारत पर आक्रमण करेंगी. इस दौरान परमाणु हथियारों और बायोलॉजिकल बमों का भी उपयोग होगा, जिससे भारत में भारी तबाही मच जाएगी. इस महायुद्ध में जितने लोग मारे जाएंगे, उतने पहले और दूसरे विश्व युद्धों में भी नहीं मरे थे.
क्या होगा भारत का भविष्य?
संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार, जब चीन ओडिशा के कटक में चौर डार पर मिसाइल दागेगा, तो यह इस महायुद्ध की शुरुआत होगी. इसके बाद चीन दिल्ली और पश्चिम बंगाल के दक्षिणेश्वर काली मंदिर पर परमाणु हमले करेगा. यह महायुद्ध न केवल भारत के लिए बल्कि संपूर्ण विश्व के लिए विनाशकारी साबित होगा. संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार, भारत को मिटाने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन फिर भी भारत अंततः इस विनाश से उबर जाएगा.
सनातन धर्म की जीत
महायुद्ध का असली उद्देश्य भारत या सनातन धर्म को नष्ट करना नहीं है, बल्कि पश्चिमी देशों के पतन का मार्ग प्रशस्त करना है. इस महायुद्ध में द्वापर युग के योद्धा और भगवान कल्कि स्वयं भारत की रक्षा के लिए मैदान में उतरेंगे. अंततः, भारत और सनातन धर्म विजयी होंगे, और दुनिया में सनातन धर्म का वर्चस्व होगा. संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार महाभारत का अंतिम चरण अभी भी शेष है, और यह अंतिम चरण कलियुग में पूरा होगा. इस युद्ध का उद्देश्य संपूर्ण विश्व में एक नई शुरुआत करना है, जिसमें सनातन धर्म की जीत होगी और उसके सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार होगा.
आने वाले संकटों के संकेत
भविष्य मालिका में आने वाले कठिन समय के संकेत भी दिए गए हैं, जैसे कि मीन राशि में ग्रहों की युति एक साथ दो या तीन ग्रहण पड़ना, और 13 दिनों तक चलने वाले विशेष योग. यह सभी संकेत बड़े संकटों की ओर इशारा करते हैं, जो कि 2024 के बाद महायुद्ध का रूप ले सकते हैं. इन घटनाओं से न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी.
संत अच्युतानंद महाराज की भविष्यवाणी के अनुसार 2024 के बाद भारत एक भयानक महायुद्ध का सामना करेगा, जिसमें भारत को चारों ओर से घेरा जाएगा. चीन और 13 मुस्लिम देशों की सेना भारत पर हमला करेगी, लेकिन अंततः भारत इस युद्ध से विजयी होकर निकलेगा. सनातन धर्म का वर्चस्व पूरे विश्व में होगा, और इस महायुद्ध के बाद एक नई शुरुआत होगी. अगर आप इन भविष्यवाणियों पर विश्वास नहीं करते हैं तो संत अच्युतानंद महाराज की अन्य भविष्यवाणियों को जानने की कोशिश करें जो अब तक सत्य सिद्ध हो चुकी हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)