Sarva Pitru Amavasya: अगर आपको अपने पितरों की सटीक मृत्यु तिथि नहीं पता है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है. हिंदू धर्म में इस स्थिति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं. कई बार अलग-अलग कारणों से लोगों को अपने पितरों की तिथि की जानकारी नहीं होती. जब उन्हें ये पता लगता है कि उन्हे पितृदोष है तो ऐसी स्थिति में समस्या से आती है कि वो अपने पितरों के नाम का तर्पण किस तिथि को करें. ऐसी समस्या में लोग तरह-तरह की सलाह भी देते हैं. कुछ लोग उन्हे ठग भी लेते हैं. लेकिन, आप परेशान न हों. शास्त्रों में ऐसी स्थिति के लिए क्या उपाय बताए गए हैं ये हम आपको बताने जा रहे हैं. अगर आपको अपने पितरों की तिथि के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो आपको इस तिथि पर ही उनका श्राद्ध कर्म करना या करवाना चाहिए.
पितरों की तिथि न जानने पर श्राद्ध कब करें?
पितृ पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं. इस दिन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है. अगर आपको अपने पितर की मृत्यु तिथि नहीं पता है तो आप सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध कर सकते हैं. कुछ लोग अपनी या अपने पितरों की जन्मतिथि के अनुसार श्राद्ध करते हैं. मान्यता है कि जन्मतिथि और मृत्यु तिथि में एक संबंध होता है. श्राद्ध करते समय शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध रहना भी जरूरी है. श्राद्ध को विधि-विधान से करें और उस समय पितरों के प्रति श्रद्धा और भक्ति भाव रखें. पितरों की मृत्यु तिथि न पता होने पर भी आप श्राद्ध कर सकते हैं. पितृ पक्ष के दौरान किया गया कोई भी श्राद्ध पितरों को संतुष्ट करता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप श्रद्धा और भक्ति भाव से श्राद्ध करें.
सर्वपितृ अमावस्या कब है? (Sarva Pitru Amavasya 2024)
इस साल सर्वपितृ अमावस्या तिथि अक्टूबर 01, 2024 को 09:39 पी एम बजे से प्रारंभ होगी और ये अक्टूबर 03, 2024 को 12:18 ए एम बजे तक रहेगी.
श्राद्ध अनुष्ठान समय
सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध बुधवार, अक्टूबर 2, 2024 को किया जाएगा.
- कुतुप मूहूर्त - 11:46 ए एम से 12:34 पी एम
- रौहिण मूहूर्त - 12:34 पी एम से 01:21 पी एम
- अपराह्न काल - 01:21 पी एम से 03:43 पी एम
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)