कुंडली में सूर्य के कमजोर होने पर माणिक रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. माणिक में सूर्य के गुण विद्यमान होते हैं. गहरे गुलाबी या महरून रंग की आभा लिए माणिक बहुत ही ऊर्जावान रत्न होता है जिसे धारण करने से सूर्य की स्थिति बलवती होती है और व्यक्तित्व में भी सकारात्मक परिवर्तन आते हैं. माणिक रत्न धारण करने से इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है. पॉजिटिविटी और इम्युनिटी बढ़ने के साथ व्यक्ति की प्रतिष्ठा, यश और प्रसिद्धि भी फैलती है.
माणिक धारण करने से मैनेजमेंट पॉवर बढ़ता है और हालात का सामना करने में व्यक्ति सक्षम होता है. दबी हुई प्रतिभा बाहर आती है और वह भय मुक्त होकर प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाता है. इसके अलावा माणिक रत्न धारण करने से आंखों से जुड़ी समस्याएं जैसे दृष्टि दोष, हृदय रोग, बाल झड़ने और हड्डियों से जुड़ी समस्याओं से भी निजात मिलती है.
हालांकि माणिक उन्हीं को पहनना चाहिए जिनके लिए सूर्य शुभ हों. माणिक सकारात्मक रत्न है। इस रत्न को धारण करने से पहले अच्छे ज्योतिषी से चर्चा जरूर कर लें. सामान्यत: मेष, सिंह, वृश्चिक और धनु लग्न के लिए माणिक धारण करना शुभ है. कर्क लग्न के लिए यह मध्यम है. मीन, मकर और कन्या लग्न के लिए यह हानिकारक हो सकता है.
ताम्बे या सोने की अंगूठी में माणिक को सीधे हाथ की अनामिका अंगुली में रविवार को धारण करें. लॉकेट के रूप में इसे लाल रंग के धागे में गले में भी पहन सकते हैं. माणिक धारण करने से पहले गाय के दूध या गंगाजल से अभिषेक करके धूप-दीप जलाकर सूर्य मंत्र का जाप करें और फिर पूरब की ओर चेहरा कर इसे धारण करें. साथ ही ऊं घृणि: सूर्याय नम: मंत्र की एक से तीन माला करें.
Source : News Nation Bureau