16 अगस्त से मां वैष्णो देवी की पावन यात्रा (Vaishno Devi Yatra) शुरू हो गई है. यात्रा में हर साल की तरह इस बार भीड़ नहीं उमड़ेगी, क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) के खतरे को ध्यान में रखते हुए कुछ विशेष दिशा-निर्देश (Guidelines) जारी किए गए हैं. इन नियमों के पालन के बाद ही भक्तों को इस यात्रा की अनुमति दी जाएगी. आप माता वैष्णो देवी की यात्रा पर जाने की सोच रहे हैं तो इन नियमों को जरूर जान लें. कोरोना वायरस के चलते मार्च में माता वैष्णो देवी की यात्रा स्थगित कर दी गई थी. अब पांच माह बाद यात्रा फिर से शुरू हो रही है, लेकिन यात्रियों को तमाम एहतियात बरतने होंगे.
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एक दिन में 2000 यात्री करेंगे दर्शन : इस बार पहले हफ्ते में एक दिन में सिर्फ 2000 यात्रियों को ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. इसमें भी 1900 यात्री जम्मू-कश्मीर के तो केवल 100 यात्री बाहर के होंगे. तय समय में ही भक्तों को वापस भी लौटना होगा. भक्त इस बार मां वैष्णो भवन में नहीं रुक पाएंगे.
बाहरी राज्यों के 100 तीर्थयात्री ही कर सकेंगे दर्शन : मां वैष्णो देवी की यात्रा के लिए बाहरी राज्यों के केवल 100 तीर्थ यात्रियों को ही दर्शन की अनुमति दी जा रही है. एक दिन में कुछ 2000 तीर्थ यात्रियों को मां के दर्शन करने की अनुमति है. इसमें 1900 तीर्थ यात्री जम्मू-कश्मीर के होंगे और केवल 100 बाहरी राज्यों के होंगे.
बच्चे और बुजुर्गों को मनाही : इस बार मां वैष्णो देवी की यात्रा में 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं है. बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज होता है, इस कारण इन्हें यात्रा करने की मनाही है.
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फेस मास्क नहीं तो यात्रा नहीं : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए भक्तों को यात्रा के दौरान चेहरे पर फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा. जो लोग मास्क नहीं पहनेंगे, उन्हें यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
Source : News Nation Bureau