Peepal Ke Upay: पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है और इसे सबसे पवित्र माना जाता है. यह पेड़ भगवान श्रीकृष्ण का पेड़ माना जाता है और इसकी छाया को अत्यंत पवित्र माना जाता है. पीपल के पेड़ की छाया में पूजा और ध्यान करने से मनुष्य को आत्मा की शांति मिलती है और उसके मन में शुद्धता का अनुभव होता है. पीपल के पेड़ को 'अश्वत्थ' भी कहा जाता है और इसे 'कल्पवृक्ष' का भी दर्जा दिया गया है. इसे विशेष रूप से त्योहारों और उपासना के समय में प्राचीन काल से ही पूजा जाता आया है. पीपल के पेड़ की पूजा करने से जीवन में समृद्धि, सुख, सम्मान, और धन की प्राप्ति होती है. पीपल के पेड़ को उच्च स्थान पर पौधा लगाने का धर्मिक महत्व भी है. इसके अलावा, इस पेड़ के पत्ते, डाल, और जड़ का उपयोग आयुर्वेदिक उपचार में भी किया जाता है और इसे जड़ी-बूटियों के रूप में भी उपयोग किया जाता है सम्पूर्णत, पीपल के पेड़ को हिंदू धर्म में बहुत महत्व दिया गया है और इसे सबसे पवित्र माना जाता है जो मानव जीवन के लिए धर्म, आध्यात्मिकता, और स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है.
पीपल के पेड़ को ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इसका धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व है. इस पेड़ को ब्रह्मांड की उन्नति, सृष्टि और संसार का प्रतीक माना जाता है. पीपल के पेड़ को विशेष रूप से नक्षत्र और ग्रहों के स्थिति के अनुसार ज्योतिषीय माना जाता है. इसे वास्तुशास्त्र में भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पीपल के पेड़ को ज्योतिष में 'अश्वत्थ' नाम से जाना जाता है और इसे ग्रह शनि का स्थान माना जाता है. अनुसंधान के अनुसार, शनि ग्रह का प्रभाव पीपल के पेड़ पर बहुत अधिक होता है.
शनि के दोष से मुक्ति के उपाय
शनि दोष निवारण: शनि दोष से मुक्ति के लिए, शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करें.
पीपल पत्ते की पूजा: शनि के दोष से मुक्ति के लिए, पीपल के पत्ते की पूजा करें और उन्हें शनिवार को दान करें.
पीपल के नीचे जाप: शनि के दोष से मुक्ति के लिए, पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि मंत्र का जाप करें और अपनी मनोकामनाएं मांगें.
पीपल के पेड़ को ज्योतिष में बहुत महत्व दिया जाता है और इसे शनि के दोष से मुक्ति के लिए उपाय के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप visit करें newsnationtv.com/religion
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)