शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है. कहते हैं कि एक बार इन पर जिसकी कृपा हो जाए वो रास्ते कि भिखारी से रातोंरात राजा बन जाता है और एक बार इनकी बुरी दृष्टि अगर किसी पर पड़ जाए तो उसे रातोंरात बर्बाद होने में समय नहीं लगता. कई बार कुंडली में भी शनि की दशा महादशा का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है. शनिदेव की दशा से तो स्वयं महाकाल भी नहीं बच पाए हैं. अगर आप शनि की साढ़ेसाति, ढैय्या या बुरी दशा से परेशान हैं या आपकी कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर है तो आप उसे मजबूत करने के लिए शनिवार के दिन ये महाउपाय कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं सूर्य पुत्र शनि देव को प्रसन्न करने के महाउपाय क्या हैं.
क्या आपको कम समय में शनि देव को प्रसन्न करना है.
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनकर पीपल के पेड़ की पूजा करें. शनि को खुश करने के लिए शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए और उस पर सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाना चाहिए.
क्या कुंडली में शनि की बुरी दशा चल रही है
आप शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उगते सूरज के समय लगातार 43 दिनों तक रविवार को छोड़कर शनि देव की मूर्ति पर तेल चढ़ाएं. लेकिन ध्यान रखें कि शनि देव को प्रसन्न करने का यह उपाय शनिवार के दिन ही शुरू करना है. ये उपाय आपकी कुंडली में शनि की महादशा से मिलने वाले बुरे प्रभाव को कम करेगा.
क्या शनि की साढ़ेसाती से परेशान हैं
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें इस दौरान शनि मंत्र का जाप करते रहें , आपकी साढ़ेसाती की सभी परेशानियों को दूर ले जाता है. धागा लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना बहुत जरुरी है. साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को दिन में एक बार नमक के बिना भोजन करना चाहिए.
क्या आप शनि दोष से पीड़ित हैं
शनिवार को काली उड़द और कोयले की एक पोटली बनाएं इसमें एक रुपए का सिक्का रखें इसके बाद इस पोटली को अपने ऊपर से उसारकर किसी नदी में बहा दें जिसमें मछलियां रहती हों और फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर राम नाम का जप करें इससे शनि दोष का प्रभाव कम हो जाएगा.
क्या शनि देव को शांत करना है.
शनिवार को वर्त रखें और काली गाय या भैंस को उड़द, तेल, तिल, नीलम रत्न और जरुरतमंद को काला कंबल, कपड़ा या लोहा दान करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)