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Shri Satyanarayan Puja: सत्यनारायण की पूजा ऐसे करेंगे तो जल्द होगी आपकी मनोकामना पूरी

Shri Satyanarayan Puja: हर मनोकामना पूर्ण करने वाला सत्यनारायण की पूजा कब और कैसे करनी चाहिए आइए जानते हैं इसकी सही पूजा विधि और महत्त्व.

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Inna Khosla
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Shri Satyanarayan Puja( Photo Credit : news nation )

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Shri Satyanarayan Puja: भगवान सत्यनारायण की पूजा के बारे में हर हिंदू जानता है. लेकिन घर में सत्यनारयण भगवान की पूजा क्यों जरुरी है. अपने घर पर भगवान सत्यनारायण की कथा और पूजा  कराने से आपको क्या लाभ होगा और इस पूजा की सही विधि-विधान क्या है ये हम आपको बता रहे हैं. हिंदू शास्त्रों में दी गयी जानकारी के मुताबिक अगर आप अपने घर में कोई भी पूजा पाठ करते हैं तो आपको उसका निश्चय ही फल मिलता है. लेकिन आप अगर ये नहीं जानते ही सत्यनारायण की पूजा कब करवानी चाहिए तो महीने की एकादशी, बृहस्पतिवार और हर महीने की पूर्णिमा तिथि को अगर आप सत्यनारायण की कथा करते हैं तो ये बेहद शुभ माना जाता है. विष्णु जी का पूजन करने का विशेष फल प्राप्त होता है. सत्यनारायण की कथा पढ़ने या सुनने दोनों से ही शुभ फल मिलता है. 

सत्यनारायण पूजा का महत्त्व 

स्कंद पुराण में भगवान विष्णु ने नारद को इस व्रत का महत्व बताया है. मान्यतानुसार जो भी व्यक्ति सत्य को ईश्वर मानकर, निष्ठा के साथ इस व्रत और कथा को करता या सुनता है उसे मनमुताबिक फल की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं पुराणों में ये भी पढ़ने को मिलता है कि सत्यनारायण कथा कराने से हजारों वर्ष किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है. 

श्री सत्यनारायण पूजा विधि

- जो भी सत्यनारायण की पूजा पू का संकल्प लेते हैं उन्हें दिन भर व्रत रखना चाहिए.

- शुभ मुहूर्त में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके सत्यनारायण भगवान का पूजन करना चाहिए. 

- पूजन स्थल को गाय के गोबर से पवित्र करके वहां एक अल्पना बनाएं और उस पर पूजा की चौकी रखें.

-  इस चौकी के चारों पाये के पास केले का वृक्ष लगाएं. इस चौकी पर ठाकुर जी और श्री सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें.

- पूजा करते समय सबसे पहले गणपति की पूजा करें फिर इन्द्रादि दशदिक्पाल की और पंच लोकपाल, सीता सहित राम, लक्ष्मण की, राधा कृष्ण की. इनकी पूजा के बाद ठाकुर जी और सत्यनारायण की पूजा करें.

- इसके बाद लक्ष्मी माता की और आखिर में महादेव और ब्रह्मा जी की पूजा करें. 

- भगवान को भोग में चरणामृत, पान, तिल, रोली, कुमकुम, फल, फूल, सुपारी और दुर्गा आदि अर्पित करें,

- पूजा के बाद सभी देवों की आरती करें और चरणामृत लेकर प्रसाद बांटे. पुरोहित जी को दक्षिणा दें जरुरतमंद को खाना खिलाएं.

- अगर आप खुद पूजा नहीं कर सकते तो किसी योग्य पुरोहित की सहायता जरुर लें.

- ये पूजा खासकर गुरुवार के दिन करवाना और भी शुभ माना जाता है क्योंकि बृहस्पतिवार का दिन भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. 

यह भी पढ़ें: Shri Satyanarayan Ji Aarti: आज सत्यनारायण भगवान की करें ये आरती, हर मनोकामना होगी पूरी

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

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