भगवान राम की पूजा में तुलसी का महत्व बहुत अधिक है. तुलसी को हिन्दू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है.यह पौधा भगवान विष्णु की पूजा में अत्यंत प्रिय है, और राम भगवान को प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा उपयोग किया जाता है. तुलसी को हिन्दू धर्म में एक पवित्र पौधा माना जाता है और इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है. तुलसी का पौधा भगवान विष्णु और उनकी सहधर्मिनी तुलसीदास के प्रेम की कथा के कारण प्रमुखता प्राप्त करता है. तुलसी को भगवान विष्णु और उनकी सहधर्मिनी माना जाता है, और इसलिए इसका पूजन विष्णु भक्ति में महत्वपूर्ण है। भगवान की पूजा में तुलसी की पत्तियों का उपयोग किया जाता है. तुललसी के पौधे की पूजा में "तुलसी विवाह" एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है. इसे विष्णु और तुलसीदास के विवाह के रूप में माना जाता है और इसे कार्तिक मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. तुलसी के पौधे का प्रादुर्भाव हिन्दू धर्म में एक सुशिक्षित विधि से किया जाता है. यह आसानी से उगा जा सकता है और इसकी पूजा एवं सेवा से विष्णु भक्ति में प्रगट होता है. भगवान राम के समय में तुलसी का पौधा महत्वपूर्ण था. इसकी कहानी रामायण में है, जिसमें सीता ने अपने पति की स्तुति के लिए तुलसी की माला पहनी थी, जो बाद में उसे शाप में बदल दिया गया था.इसकी पूजा करने से घर में शांति बनी रहती है और भक्ति में वृद्धि होती है.
देवी तुलसी की पूजा:
तुलसी को विष्णु की सहधर्मिनी और भक्त बना दिया गया है, और इसलिए इसे भगवान राम की पूजा में प्रयुक्त किया जाता है.
तुलसी की माला:
भक्त भगवान राम की पूजा में तुलसी की माला से मंत्र जाप करते हैं जो उनके भक्ति और साधना को बढ़ावा देता है.
तुलसी की पत्तियाँ:
भगवान राम की मूर्ति या प्रतिमा के सामने तुलसी की पत्तियों की चढ़ाई जाती है, जो पूजा में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
तुलसी की चायन:
भगवान राम की पूजा में तुलसी की चायन का प्रयोग होता है, जिससे पूजा की शुद्धता और महत्वपूर्णता बढ़ती है.
तुलसी की कहानी:
हिन्दू पौराणिक कथाओं में तुलसी की कहानी भगवान विष्णु और तुलसी के प्रेम की कहानी है, जिससे तुलसी को देवी माना जाता है.
इस प्रकार, तुलसी को भगवान राम की पूजा में अत्यधिक महत्वपूर्ण रूप से माना जाता है, और इसे श्रद्धा भाव से रखने वाले को सब सुख मिलते हैं. तुलसी के पौधे को गर्मियों में बोया जाता है, और यह देवी तुलसी के पौधे के सदुपयोग के लिए प्राप्त होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau