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जज ने रामायण की चौपाई पढ़ते हुए सुना दी सजा-ए-मौत, जानें पूरा मामला

अपनी 5 साल की बहन से रेप और फिर उसकी हत्या करने वाले 22 साली के ममरे भाई को जज ने मौत की सजा दी. सजा-ए-मौत जिस तरह दी गयी वह ऐतिहासिक हो गया, क्योंकि जज ने ये सजा रमायण की चौपाई पढ़ते हुए सुनायी.

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Inna Khosla
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 judge pronounced the death sentence while reading a verse from Ramayana

Madhya Pradesh Sohagpur

मध्यप्रदेश के सोहागपुर में 5 साल की बच्ची से रेप और हत्या के केस में ममेरे भाई पर दोष साबित होने के बाद उसे मौत की सजा सुनायी गयी. सोहागपुर एडीजे एसके चौबे ने ऑर्डर में प्रतिक्रिया देते हुए कहा "एक निर्दोष, मासूम, अबोध बालिका का बलात्कार खुद ही विरलतम से विरलतम घटना है. बलात्कार सहित हत्या का मामला किसी भी दृष्टि से सामान्य नहीं माना जा सकता." रामचरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कोर्ट ने कहा- अनुज , बधू, भगिनी सुत नारी, सुनु सठ कन्या सम एचारी. इन्हीही कुदृष्टि बिलोकई जोई ,ताहि बधे कछु पाप न होई. बस इसी चौपाई के साथ उन्होने आरोपी को फांसी की सजा सुना दी. वैसे आपको बता दें जब कोर्ट में जज ने आरोपी से पूछा कि कुछ कहना चाहते हो तब 22 साल के इस आरोपी ने खुद ही कहा कि उसे फांसी की सजा दी जाए. कोर्ट का ये ऐतिहासिक फैसला सुनते ही मासूम बच्ची के परिजन बेहद खुश हुए. उन्हें लगा कि उनकी बच्ची के न्याय मिल गया. इस चौपाई का क्या अर्थ है और कोर्ट में जज ने यही चौपाई सुनाते हुए सजा-ए-मौत क्यों दी ये भी जान लें. 

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ये श्रीरामचरितमानस के किष्किंधा कांड की चौपाई है, जिसका अर्थ है- 

अनुज बधू भगिनी सुत नारी: इसका मतलब है छोटा भाई, उसकी पत्नी, बहन और पुत्र की पत्नी.

सुनु सठ कन्या सम ए चारी: इसका मतलब है कि हे मूर्ख, इन चारों को कन्या के समान समझना चाहिए.

इन्हहि कुदृष्टि बिलोकइ जोई: इसका मतलब है कि इन पर बुरी नजर रखना.

ताहि बधे कछु पाप न होई: इसका मतलब है कि ऐसा करने वाले को मार डालने में कोई पाप नहीं है.

सरल शब्दों में इसका अर्थ यह है कि भाई की पत्नी, बहन, पुत्र की पत्नी और कन्या इन चारों को कन्या के समान सम्मान देना चाहिए. इन पर बुरी नजर रखने वाला व्यक्ति पाप का भागीदार होता है और उसे दंडित किया जा सकता है.

इस चौपाई का महत्व

यह चौपाई नारी सम्मान पर जोर देती है. यह बताती है कि महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देना पुरुषों का कर्तव्य है. समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे कि महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ इस चौपाई से एक मजबूत संदेश दिया गया. यह चौपाई बताती है कि जो व्यक्ति महिलाओं का अपमान करता है, उसे दंडित किया जाना चाहिए. आज भी समाज में महिलाओं के साथ अत्याचार होते रहते हैं. यह चौपाई हमें सिखाती है कि महिलाओं को सम्मान देना हमारा धर्म है. हमें महिलाओं के साथ समानता और न्याय का व्यवहार करना चाहिए.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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