Hinduism vs Islam: भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का सपना लगभग हर भारतवासी देख रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेकर चल रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है भारत जैसे ही अपनी 100वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ बनाएगा तब तक भारत पूर्ण हिंदू राष्ट्र बन चुका होगा. सपना देखा तो है, लेकिन क्या ये सच होगा. ये सवाल इस समय भारत में चारों ओर सुनायी दे रहा है. जिस तरह से मुस्लिम समुदाय की आबादी तेजी से बढ़ रही है और PFI संगठन भारत में सक्रिय हो रहे हैं उसे देखकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी चौकाने वाली बात कही है. हिंदू बहुल भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का षड्यंत्र भी चल रहा है और इस बात की पुष्टि बॉम्बे हाई कोर्ट ने की है.
गल्फ देशों से लेकर यूरोप तक हिंदू मंदिरों की नींव भव्यता के साथ रखी जा रही है. अयोध्या में हिन्दू मिलकर प्रभु राम के भव्य मंदिर के दर्शन कर रहे हैं और यही तस्वीर देश विरोधी ताकतों की आंखों में सबसे ज्यादा चुभ रही है. इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया की आड़ में भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची जा रही है. अगर आप इस संगठन के बारे में नहीं जानते और इस मामले की गंभीरता को नहीं समझ पा रहे तो आपको विस्तार से ये पूरा मामला समझाते हैं.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया क्या है?
ये वो संगठन है जिसका नाम दिल्ली के दंगे भड़काने में, शाहीन बाग़ के आंदोलन को फंडिंग करने में, केरल में राजनीतिक हत्याओं की योजना बनाने में और जबरन धर्म परिवर्तन में कई बार आ चुका है. साल 2006 में केरल में इसकी स्थापना हुई. पहले ये संगठन, सिर्फ दक्षिण भारत की सीमा तक ही सीमित था, लेकिन पिछले कुछ समय में इसका विस्तार उत्तर भारत में हुआ और अब ये संगठन दिल्ली में भी उतना ही मजबूत है जितना ही केरल में है. पी एफ़ आई में करोड़ों की फंडिंग विदेशों से होती है ताकि भारत की जड़ों में कट्टरता पैदा की जाए और भारत को मुस्लिम देश बनाया जाए. भारत के अंदर जो हिंदू मुस्लिम के बीच की जो एकता है, उसे खत्म किया जाए और इन चीजों में कितनी सच्चाई है इसका अंदाजा इसी बात से आप लगा सकते हैं कि हाल ही में पी एफ़ आई को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है.
कोर्ट ने ये माना है कि पी एफ़ आई की आड़ में देश विरोधी ताकतों ने भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची है. पी एफ़ आई ने ताकत का इस्तेमाल करते हुए सरकार को अंकित करने की भी कोशिश की है और इसी मामले में पी एफ़ आई के 30 सदस्यों को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ज़माना देने से इस साफ़ इंकार कर दिया है और उसके पीछे का तर्क दिया है कि आरोपियों के खिलाफ़ प्रथम डिस्टेंस सबूत मिले हैं. कोर्ट द्वारा ये भी कहा गया है कि "आरोपी पी एफ़ आई के सदस्य हैं और लगातार देश को तोड़ने की साजिशें रच रहे हैं. इस बात के सबूत मिल चुके हैं कि आरोपी व्यक्ति देश के खिलाफ़ नफरत फैलाने के साथ ही राष्ट्र विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने में शामिल है. आरोपियों का उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ़ नफरत का माहौल बनाना है और वे उन्हें बांटना चाहते थे. आरोपी भारत सरकार के खिलाफ़ मुस्लिम समुदाय के लोगों के मन में नफरत पैदा करना चाहते थे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau