Jagannath Rath Yatra 2024: भारत में यूं तो हर दिन कोई न कोई उत्सव मनाया जाता है लेकिन विश्व भर में प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा का बहुत अधिक महत्व है. जगन्नाथ भगवान श्री विष्णु के ही अवतार है और हर वर्ष उनके मुख्य मंदिर से बड़ी धूमधाम के साथ रथ यात्रा की शुरुआत होती है. इस यात्रा को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि के दिन शुरू किया जाता है, जिसने दुनिया के तमाम जगहों से श्रद्धालु इसमें सम्मिलित होते हैं. इस रथ यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई और बहन के साथ अपनी मौसी के घर जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई और कितने दिन तक यह यात्रा चलती है. तो आइए जानते हैं.
रथ यात्रा की धार्मिक मान्यता
भगवान जगन्नाथ की ये रथ यात्रा पौराणिक समय से ही चलती आ रही है. माना जाता है कि जगन्नाथ जी प्रभु अपने भाई-बहनों कर साथ अपनी मौसी के घर जाया करते थे और इसी प्रथा को निभाने के लिए हर वर्ष इस यात्रा को आयोजित किया जाता है. मान्यता ये भी है कि भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा 100 महायज्ञ के बराबर होती है और जो भी व्यक्ति इस यात्रा में शामिल होता है और भगवान जगन्नाथ जी की रथ को खींचता है. उसके जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं और भगवान उनपर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं. इसलिए हर साल लाखो की तादाद में श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होते हैं.
इतने दिन चलती है यात्रा
भगवान जगन्नाथ जी की रथ यात्रा कुल 7 दिन चलती है. इन 7 दिनों के दौरान भगवान अपने भाई बहन के संग अपनी मौसी गुंडिचा के घर विश्राम करते हैं. वहां भगवान जी को तरह-तरह के पकवान खिलाए जाते हैं और भोग लगाया जाता है. पूरी यात्रा के दिन भरपूर उत्सव मनाया जाता है. आपको बता दें कि इस यात्रा के लिए एक विशेष रथ को बनवाया जाता है, जिसकी तैयारियां कई महीने पहले ही शुरू हो जाती है और यात्रा के बाद उस रथ को विभिन्न तरीकों से प्रयोग में लाया जाता है. इस बार ये भव्य रथ यात्रा 7 जुलाई, रविवार को शुरू हो चुकी है जोकि 13 जुलाई तक चलने वाली है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau