Jagannath Rath Yatra: 7 जुलाई से शुरू हो चुकी जगन्नाथ रथ यात्रा 16 जुलाई तक चलेगी. इन 10 दिनों की रथ यात्रा में किस दिन क्या होता है ये सब जानना चाहते हैं. आज जगन्नाथ महाराज अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर पहुंच जाएंगे. कल सूर्यास्त के बाद इस रथयात्रा को रोक दिया गया था जिसे आज सोमवार के दिन सुबह 9 बजे से दोबारा खींचा जाएगा. कहते हैं कि रथ यात्रा के दर्शन मात्र से 1000 यको का पुण्य फल मिलता है. ये तो सब जानते हैं कि रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ रथ पर विराजमान होकर जन सामान्य के बीच से अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ गुंडिचा मंदिर की ओर जाते हैं. ये रथयात्रा 10 दिनों तक चलती है. अपनी मौसी के घर 10 दिनों तक ये क्या करते हैं इनकी रथायात्रा के 10 दिनों का क्या शेड्यूल है ये सब जानना चाहेंगे.
पहले आपको बता दें कि रथ यात्रा में सबसे आगे ताल धवज पर श्री बलराम चलते हैं. बलराम जी के पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा और सुदर्शन चक्र होते हैं और आखिरी में श्री जगन्नाथ जी सबसे पीछे चलते हैं. कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी के नाम का कीर्तन करता हुआ गुंडिचा नगर जाता है वह पुनर्जन्म चक्र से मुक्त हो जाता है.
ये तो आपने देखो होगा कि रथ यात्रा के पहले दिन दोपहर के समय तीनों देवी देवताओं को एक-एक करके मंदिर से बाहर लाया जाता है फिर पूरी के शंकराचार्य रथ की पूजा करते हैं, जिसके बाद जगन्नाथ रथ यात्रा से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध रस्म छेरा पहरा की जाती है. इसमें उड़ीसा के महाराज गजपति देवी देवताओं और रथों के चारों ओर सोने की झाड़ू से सफाई करते हैं और इस झाड़ू से रथ के मंडप को साफ करते हैं.
अब अगले 10 दिनों के लिए जब रथयात्रा गुंडिचा मंदिर पहुंचती है तो फिर भगवान 10 दिनों के लिए इसी मंदिर में रहते हैं. कई बार जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक पहुंचने में रथ को देर हो जाती है. यहां इतनी जबरदस्त भीड़ होती है कि एक एक कदम रथयात्रा को आगे बढ़ाने में समय लगता है. अगर आज सोमवार को सूर्यास्त से पहले रथयात्रा गुंडिचा मंदिर नहीं पहुंची तो मंगलवार को मंदिर पहुंचेगी.
गुंडिचा मंदिर में 10 दिनों तक भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ यहीं रहते हैं.यहां उनके लिए कई प्रकार के पकवान बनाए जाएंगे. ये परंपरा सदियों से यूं ही चलती आ रही है और 16 जुलाई को रथ यात्रा समाप्त हो जाएगी और तीनों देवी देवता वापस जगन्नाथ मंदिर लौट जाएंगे.
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau