Jagannath Rath Yatra 2024: 7 जुलाई को उड़ीसा के पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो गई है और भगवान जगन्नाथ का निवास स्थान भी पूरी ही है और भारत के चार धामों में से यह भी एक प्रसिद्ध स्थल है. माना जाता है कि यहाँ पर जो भी आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. लेकिन क्या आपको पता है भारत में रथ यात्रा ही एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें विदेशों से भारी संख्या में हिंदू तो आते ही हैं लेकिन विदेशी भी आते हैं. जगन्नाथ रथ यात्रा ही एकमात्र ऐसी रथ यात्रा है जो कि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में निकाली जाती है. किस तरीके से विदेशों में जगन्नाथ रथयात्रा छा गई और मुस्लिम देश भी इससे अछूते नहीं रहे ये जानकर आप भी थोड़ा हैरान हो सकते हैं. सैकड़ों विदेशियों ने तो पुरी में 10 दिनों की रथयात्रा में शामिल होने के लिए डेरा ही जमा लिया है. 16 जुलाई तक चलने वाली प्रभु जगन्नाथ जी की रथयात्रा को किस देश में कैसे सेलिब्रेट किया गया ये भी जानिए.
विश्वभर में निकाली गयी जगन्नाथ रथयात्रा (Jagannath Rath Yatra Celebrated Globally)
रशिया, अमेरिका, लंदन, फ्रांस और इजरायल तक के विदेशी इस बार पुरी की रथयात्रा में शामिल होने आए हैं. इस मौके पर दुनिया के तमाम कोनों में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा की झांकियां देखने को मिली. कहीं कहीं ये कार्यक्रम अभी चल रहा है. सान फ्रांसिस्को में 14 जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी. अलग-अलग देशों में जहां जहां भी इस्कॉन टेंपल है, वहां कोशिश की जाएगी कि वहां जगन्नाथ रथयात्रा निकाली जा सके. प्रभु जगन्नाथ के लिए पूरी दुनिया में क्रेज है.
यहां तक की यूनाइटेड अरब अमीरात यानी अबू धाबी जैसी जगहों पर भी प्रभु श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा इस बार निकाली जाएगी. प्रभु श्री जगन्नाथ का मंदिर भी है अबू धाबी में बन गया है. हंगरी, पोलैंड, अमेरिका और जर्मनी के अलावा कई मुस्लिम देशों जैसे कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, ओमान, बहरीन में भी भगवान श्री जगन्नाथ के भक्तों ने छोटी सही लेकिन रथ यात्राएं जरूर निकाली हैं.
मुस्लिम देशों में क्यों छा रहा है हिंदू धर्म का क्रेज
सबसे बड़ी बात ये है कि इन इस्लामिक देशों में भगवान जगन्नाथ के प्रति मुस्लिमों का प्यार भी काफी ज्यादा बढ़ रहा है. दरअसल इसके पीछे कारण यह है कि भगवान श्री जगन्नाथ कोई और नहीं बल्कि स्वयं भगवान श्री कृष्ण ही तो हैं और भगवान श्री कृष्ण के प्रति प्रेम पूरी दुनिया में काफी ज्यादा बढ़ रहा है. कारण भगवत गीता है. श्रीमद् भगवद् गीता का ज्ञान लोगों को उनके दुखों से निकालने में मदद कर रहा है, उनकी मेन्टल हेल्थ सही हो रही है. चाहे वो मुस्लिम हो या ईसाई, जो भी उसे पढ़ता है श्रीमद् भगवद् गीता से उसको सहायता जरूर मिलती है. यही कारण है कि भगवान श्री कृष्ण हो या भगवान श्री जगन्नाथ, मुस्लिम देशों में भी हिन्दू तीज त्योहारों का क्रेज तो बढ़ ही रहा है. इसके अलावा भगवान श्री जगन्नाथ के रथ को कई जगहों पर मुस्लिमों ने बनाया है. इतना ही नहीं भगवान श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा को मुस्लिम स्वागत करते भी दिखे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau