रत्न भंडार के भीतरी खजाने से क्या निकला, जानें कितने धनवान है जगन्नाथ भगवान

जगन्नाथ मंदिर का भीतरी खजाना खुल चुका है. रत्न भंडार से कितने बेशकीमती आभूषण मिले इसे जानने में सबकी रुची है.

author-image
Inna Khosla
New Update
Jagannath Temple inner chamber

Jagannath Temple inner chamber( Photo Credit : News Nation)

Advertisment

जगन्नाथपुरी के रत्न भंडार के भीतरी खजाने का रहस्य 46 साल बाद उजागर हुआ. 1978 से बंद पड़े इस चैंबर को 14 जुलाई को खोला गया. पूर्व जस्टिस विश्वनाथ रथ के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम ने जांच की. सुबह 9:51 पर चैंबर खोला गया जहां बेशकीमती आभूषण मिले. इस खजाने को अस्थाई स्ट्रांग रूम में शिफ्ट किया गया ताकि भीतरी कक्ष के रेनोवेशन का काम हो सके. एएसआई को रिपेयरिंग का काम सौंपा गया है. पूरी के जगन्नाथ मंदिर के अंदरूनी चैंबर का दरवाजा खोलने के लिए कई कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया. ये वो दरवाजा था जो 1978 से बंद पड़ा था. इसके भीतर के खजाने का आज तक इस्तेमाल नहीं किया गया. लेकिन, इस बार जब चैंबर का दरवाजा खुला तो ऐसे बेशकीमती आभूषण मिले जिसे देखने वाले हैरान रह गए. भितरी खजाने के रहस्य से पर्दा उठ गया अंदरूनी चैंबर की एक एक डीटेल पहली बार सामने आई. मोदी सरकार ने जनता से जो वादा किया था उसे पूरा कर दिया है. 

जगन्नाथ मंदिर के अंदरूनी चैंबर का रहस्य सबके सामने है. आखिरकार वो घड़ी आ गई जिसका इंतजार भगवान जगन्नाथ के भक्त 46 साल से कर रहे थे. ओडिशा कोर्ट के पूर्व जस्टिस विश्वनाथ रथ के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम ने एक एक पड़ताल की. सुबह 8:00 बजे मंदिर में श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी. सुबह 9:00 बजे कमिटी के सदस्यों ने मंदिर में प्रवेश किया. करीब 10:00 बजे रत्न भंडार के भीतरी खजाने को खोला गया और भीतरी खजाने का सबसे बड़ा रहस्य सामने आ गया.

बारहवीं शताब्दी में बने जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कितनी संपत्ति है, इसका हिसाब शुरू हो गया.  रत्न भंडार की भीतरी कमरे में एंट्री के समय सीमा तय थी. सुबह 9:51 दोपहर 12:15 तक का वक्त तय था. ऐसे में कमेटी के सदस्यों को अपना काम तेजी से भी करना था और सटीकता से भी. रत्न भंडार के बगल में अस्थाई तौर पर स्ट्रांग रूम बनाया गया है. भीतरी कक्ष में मौजूद आभूषण और कीमती सामान को स्ट्रांग रूम में शिफ्ट किया गया ताकि भीतरी कक्ष के रेनोवेशन का काम किया जा सके. 

भीतरी भंडार ASI को सौंपा जाएगा और एएसआई द्वारा पूरी के रत्न भंडार की रिपेयरिंग का जो काम है वो काम किया जाएगा उसके बाद फिर से ये टेंपररी स्ट्रांग रूम से सभी कीमती सामान आभूषणों को शिफ्ट कर दिया जाएगा. भीतर ही कमरे से जो भी जेवर कीमती पत्थर,  चांदी के बर्तन मिले हैं उन्हें छह बड़े संदूकों में रखा गया है. सागौन की लकड़ी से बने ये संदूक साढ़े चार फिट लंबे, ढ़ाई फिट चौड़े और ढ़ाई फिट ऊंचे हैं. 

आखरी बार 1978 में भी इस रत्न भंडार को खोला गया था तो उस समय क्या मिला था ये जानने की उत्सुकता भी लोगों में है. 1978 में 13 मई से 23 जुलाई तक खोला गया था, उस दौरान 70 दिनों तक इसकी गिनती चली थी, लेकिन इसके बाद भी गिनती पूरी नहीं हो पाई थी. इस दौरान 128 किलो से ज्यादा सोना, 121 किलो से ज्यादा चांदी के जेवरों की लिस्टिंग की गई थी.

हालांकि कुछ लोगों का ये भी दावा है कि उस दौरान रत्न भंडार के सभी कमरों के दरवाजे खोलना संभव नहीं था. लेकिन जब आज 46 साल बाद भीतरी कक्ष खुला है तो सवाल था कि क्या उसमें मौजूद इतना सोना बचा है या फिर नहीं. 

देश और दुनिया की लेटेस्ट खबरें अब सीधे आपके WhatsApp पर. News Nation ‬के WhatsApp Channel को Follow करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: https://www.whatsapp.com/channel/0029VaeXoBTLCoWwhEBhYE10

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज odisha Jagannath Temple treasure inner chamber Vishwanath Rath
Advertisment
Advertisment
Advertisment