Janmashtami 2024: भाद्रपद यानी भादो का महीना 20 अगस्त 2024 से शुरू हो जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस माह दो बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाने वाले हैं, एक जन्माष्टमी और दूसरा गणेश चतुर्थी. जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाई जाती है, जबकि गणेश चतुर्थी गणेश जी के आगमन की खुशी में होती है. वहीं, जन्माष्टमी भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, जबकि गणेश चतुर्थी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को होती है. ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि भगवान श्रीकृष्ण को किन चीजों का भोग लगाकर उनकी कृपा पा सकते हैं.
जन्माष्टमी कब है?
साल 2024 में जन्माष्टमी को लेकर लोगों के मन में भ्रम है कि इस बार यह त्योहार कब मनाया जाएगा 25 या फिर 26 अगस्त को. बता दें कि इस बार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 25 अगस्त 2024 की शाम 6 बजकर 9 मिनट से शुरू होगी और 26 अगस्त 2024 की शाम 4 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए, उदयातिथि के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा.
भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय भोग
जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण को विशेष प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं. इन भोगों को अर्पित करके आप भगवान श्रीकृष्ण को प्रसन्न कर सकते हैं और उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं वे कौन-कौन सी चीजें हैं जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाना खास माना जाता है.
पंजीरी
धनिये के पंजीरी का महत्व बहुत अधिक है. मान्यता है कि जन्माष्टमी की पूजा बिना पंजीरी के भोग के अधूरी मानी जाती है. इससे भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं.
माखन-मिश्री
माखन-मिश्री भी भगवान श्रीकृष्ण को अति प्रिय है. ऐसा कहा जाता है कि जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण को माखन-मिश्री अर्पित करने से आपकी इच्छा जल्द पूरी हो सकती है.
श्रीखंड
दही से बना श्रीखंड भी भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है. गुजरात और गिर प्रदेश में यह भोग सदियों से भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित किया जाता है.
मालपुआ
राधा-रानी के चावल से बने मालपुए भगवान श्रीकृष्ण को बहुत पसंद थे. इसकी परंपरा बहुत पुरानी है और इसे अर्पित करने से धार्मिक और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं.
मोहनभोग
गेहूं के आटे को घी में भूनकर, पंचमेवा और मिश्री-चूर्ण के साथ बनाए गए मोहनभोग को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय भोग माना जाता है. इसे अर्पित करने से भगवान श्रीकृष्ण सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)