Janmashtami 2024 Shubh Muhurt Kya Hai: भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों में आज अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है. चारों ओर राधा रानी और जय कृष्ण का जाप करते लोग नज़र आ रहे हैं. हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है और इसके अगले दिन दही हांडी का उत्सव सेलिब्रेट होता है. हालांकि इस साल भी जन्माष्टमी की तिथि दो दिनों की है. ग्रहस्थ लोग आज 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे. ज्योतिष गणना के अनुसार आज भगवान श्रीकष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है.
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त आजज मध्यरात्रि 12.00 बजे से 12.44 बजे तक रहेगा. तो आपको पूजा के लिए सिर्फ 44 मिनट का समय ही मिलने वाला है.
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
ज्योतिष के विद्वानों की मानें तो आज रात उसी शुभ योग का निर्माण होगा जैसा द्वापर युग में कान्हा के जन्म के समय हुआ था. रात को सिर्फ 44 मिनट का समय ही मिलेगा तो आप उससे पहले ही पूजा की सामग्री ले आएं और सही पूजा विधि भी जान लें.
पूजा सामग्री
- श्री कृष्ण की मूर्ति या चित्र
- गंगाजल
- रोली
- चंदन
- फूल
- धूप
- दीपक
- नैवेद्य (फल, मिठाई आदि)
- कलश
- तुलसी का पत्ता
- पवित्र धागा
- पुष्प माला
पूजा विधि
सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल से छिड़क दें. श्री कृष्ण की मूर्ति की स्थापना के लिए एक साफ आसन पर स्थापित करें और शंख बजाकर पूजा की शुरुआत करें. मूर्ति पर गंगाजल छिड़कें और इसके बाद रोली और चंदन का तिलक प्रभु को लगाएं. अब मूर्ति पर फूल चढ़ाएं और धूप दीप जलाएं.
पूजा के साथ ही कान्हा को उनकी पसंद के नैवेद्य अर्पित करें, भगवान को भोग लगाएं और फिर उनकी आरती उतारें.
श्री कृष्ण के मंत्रों का जाप आज के दिन जितना हो सके आप करें. भगवान से अपनी मनोकामनाएं मांगें. मान्यता है कि इस दिन जो भी सच्चे दिन से कान्हा की भक्ति करता है कान्हा स्वयं उसकी मन की मुराद पूरी करते हैं. कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जो लोग व्रत रखते हैं वो पूजा के बाद फलाहार से अपने व्रत का पारण कर सकते हैं. भगवान कृष्ण को धर्म, कर्म और मोक्ष का प्रतीक माना जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)