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July 2024 Ekadashi Vrat List: कब-कब मनाया जाएगा आषाढ़ मास की एकादशी, इस व्रत से मिलेंगे अनेकों लाभ

July 2024 Ekadashi Vrat List: आइए जानते हैं कि आषाढ़ (जुलाई) महीने में एकादशी का व्रत कब-कब रखा जाएगा.

Updated on: 27 Jun 2024, 04:53 PM

नई दिल्ली:

July 2024 Ekadashi Vrat List: हमारे देश में व्रत और त्योहारों का बहुत अधिक महत्व माना जाता है. न केवल ये त्योहार हमारी जिंदगी में खुशियां लाते हैं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी इनका हमारे जीवन मे सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. यूं तो हर महीने कोई न कोई त्योहार और व्रत जरूर आता है, लेकिन कुछ मौके ऐसे होते हैं जो बहुत खास होते हैं और उनका महत्व बढ़कर देखा जाता है. तो आज हम बात करेंगे भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत की. अनेकों मान्यताओं से जुड़ा हुआ ये व्रत हर महीने दो बार आता है, तो आइए जानते हैं कि आषाढ़ (जुलाई) महीने में एकादशी का व्रत कब-कब रखा जाएगा. 

योगिनी एकादशी का व्रत 

आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष को मनाया जाने वाला योगिनी एकादशी का निर्जला व्रत इस साल 2 जुलाई के दिन मनाया जाएगा. इस व्रत का विशेष महत्व होता है और ये जिन्दगी में खुशियां लेकर आता है. इस व्रत से जीवन के कष्ट मिट जाते हैं. व्रत के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 1 जुलाई सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर कृष्ण पक्ष की शुरुआत हो जाएगी जोकि 2 जुलाई की सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर खत्म होगा. व्रत रखने का शुभ फल 2 जुलाई को प्राप्त होगा. इस व्रत के पारण का समय 3 जुलाई की सुबह 5 बजकर 28 मिनट से लेकर 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगा. इसलिए पूरी विधि-विधान के साथ इस व्रत का पालन करें. 

देवशयनी एकादशी का व्रत 

आषाढ़ महीने में ही देवशयनी एकादशी का व्रत भी मनाया जाएगा. देवशयनी वह दिन होता है जब भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीर सागर में विश्राम करने के लिए चले जाते हैं. इसलिए इस समयावधि के अनुसार सभी मांगलिक कार्य करने की भी मनाही होती है और फिर देवउठनी के बाद सभी कार्य करने का शुभ मुहूर्त बनता है. देवशयनी एकादशी का व्रत 17 जुलाई को मनाया जायगा. शुभ मुहूर्त की बात करें तो 16 जुलाई रात 8 बजकर 33 मिनट से लेकर 17 जुलाई रात 9 बजकर 42 मिनट तक आषाढ़ मास का शुक्ल पक्ष रहेगा. इसलिए देवशयनी का व्रत 17 जुलाई से शुरू होकर,  18 जुलाई की सुबह 05:35 से 08:20 तक माना जाएगा. जिसके बाद व्रत का पारण होगा.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)