Jyeshtha Amavasya 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या का बहुत ही खास महत्व है. इस दिन स्नान और दान करने से पितृ और शनिदेव प्रसन्न होते हैं. वहीं इस बार ज्येष्ठ अमावस्या की तिथि दिनांक 18 मई को रात 09 बजकर 42 मिनट से लेकर दिनांक 19 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट तक है. अब ऐसे में इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शोभन योग भी बन रहा है. जो सुबह से लेकर शाम 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. इस योग में पूजा करना बेहद ही शुभ माना जाता है. इस दिन जो व्यक्ति शनिदेव और पितृ को प्रसन्न करता है, उसके जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है, साथ ही धन-दौलत में भी वृद्धि होती है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में शनिदेव और पितृ को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिन उपायों को करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि देव और पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये खास उपाय
1. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही शनि देव का जन्म हुआ था, इसलिए अगर आप इस दिन व्रत रख रहे हैं, तो शनिदेव की पूजा अवश्य करें. उन्हें काला तिल, नीले या फिर काले वस्त्र, काली उड़द, सरसों या फिर तिल का तेल आदि चढ़ाएं. शनिदेव को प्रिय वस्तुएं चढ़ाने से वह जल्दी प्रसन्न होते हैं. इस दिन आप शनि चालीसा, शनि स्तोत्र, शनि रक्षा कवच आदि का पाठ करें. इससे आपके सभी दुख दूर हों जाएंगे और शनिदेव की कृपा से आपका जीवन सुखमय होगा और काम में भी सफल होंगे. साथ ही जिस भी जातक पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का दुष्प्रभाव है, वह खत्म हो जाएगा.
2. ज्येष्ठ अमावस्या यानि कि शनि जयंती के दिन आप अपने घर पर शमी के पौधे को अवश्य लगाएं. उसको जल दें और पूजा करें. शाम के समय में सरसों के तेल या तिल के तेल का दीपक जलाएं. शमी का पौधा शनि देव को बेहद प्रिय है. इससे आपके उपर शनिदेव की कृपा बनी रहेगी. शमी के पौधे की रोज सेवा करें और शनिवार को पूजा ध्यान से करें.
इस दिन करें इन मंत्रों का जाप
'ॐ पितृभ्य: नम:'
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं शनैश्चराय नमः”
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं नमः”
“ॐ नमो नारायणाय”