गणेश चतुर्थी के साथ ही 10 दिवसीय गणेशोत्सव का आरंभ हो चुका है. इस दौरान गणेश चतुर्थी पर घर लाए गए गणपति महाराज की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और फिर आखिरी दिन विसर्जन किया जाएगा. 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव के दौरान गणपति महाराज की माता गौरी की भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. बता दें कि माता पार्वती को ही माता गौरी भी कहा जाता है. गणेशोत्सव के दौरान पड़ने वाले भाद्रपद शुक्ल की अष्टमी तिथि को माता गौरी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है.
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इस साल ज्येष्ठ गौरी पूजन यानि माता गौरी की पूजा-अर्चना 26 अगस्त को की जाएगी. आइए जानते हैं इस साल होने वाले ज्येष्ठ गौरी पूजन का शुभ मुहुर्त और विसर्जन की तारीख. गणेशोत्सव के दौरान पड़ने वाली अष्टमी तिथि यानि 25 अगस्त को दोपहर 1.59 से ज्येष्ठ गौरी पूजन का शुभ मुहुर्त शुरू हो रहा है जो 26 अगस्त दोपहर 1.04 बजे तक चलेगा. माता गौरी की पूजा-अर्चना करने के लिए 26 अगस्त की सुबह 6.14 बजे से दोपहर 1.04 बजे तक का समय काफी शुभ है. जिसके बाद 27 अगस्त को ज्येष्ठ गौरी का विसर्जन किया जाएगा.
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गणेशोत्सव और ज्येष्ठ गौरी पूजन मुख्य रूप से महाराष्ट्र में बड़े स्तर पर मनाया जाता है. गणेशोत्सव के दौरान पूरे महाराष्ट्र में 10 दिनों तक जबरदस्त चहल-पहल रहती है. हालांकि, इस साल कोरोना वायरस की वजह से यह बड़ा त्योहार घरों में ही मनाया जा रहा है. कोरोना की वजह से ही इस त्योहार की रौनक पूरी तरह से फीकी पड़ी हुई है. गणपति विसर्जन के दिन भी ज्यादा भीड़भाड़ नहीं हो सकेगी. जबकि हर साल गणपति विसर्जन के मौके पर पूरा महाराष्ट्र गणपति बप्पा मोर्या के जयकारों से गूंज उठता है.
Source : News Nation Bureau