Jyeshtha Month 2023 : हिंदू पंचांग में वैशाख माह की समाप्ति के साथ ज्येष्ठ माह की शुरुआत आज से हो गई है. यह हिंदू कैलेंडर के हिसाब से तीसरा महीना है. इस माह में सूर्य की प्रकाश बहुत तीव्र रहती है और इस मौसम में गर्मी भयंकर पड़ती है. इसी कारण इसे ज्येष्ठ माह कहा जाता है. इस माह में वरुण देव की पूजा विशेष रूप से की जाती है. बता दें, दिनांक 06 मई से दिनांक 04 जून तक ज्येष्ठ माह रहेगा. उसके बाद दिनांक 05 जून से आषाढ़ माह की शुरुआत हो जाएगी. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि ज्येष्ठ माह का वैज्ञानिक महत्व क्या है, पूजा विधि क्या है, इस माह क्या करना चाहिए.
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जानें क्या है इस माह का वैज्ञानिक महत्व
इस समय जल की सही और कम मात्रा में करना चाहिए. इस समय खान-पान का खास ख्याल रखें. इस माह में सत्तु, हरी सब्जियां, फलों का सेवन करें.
जानें क्या है पूजन विधि
इस माह में स्नान-ध्यान करे करने का विशेष महत्व है. आज के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है. आज के दिन सफेद वस्त्र पहनें और पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए.
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इस माह क्या करें और क्या न करें
1. इस माह में गोपाल का अभिषेक करें. उन्हें माखन, मिश्री का भोग लगाएं, साथ ही उन्हें चंदन का लेप लगाएं.
2. इस समय राहगीरों के पानी जरूर पिलाना चाहिए.
3. इस समय गायों के हरी घास खिलाएं.
4. इस समय भगवान हनुमान की पूजा करने का खास महत्व है, क्योंकि इसी माह भगवान हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्री राम से हुई थी.
5. शिवलिंग पर जल अवश्य चढ़ाएं.