Santan Prapti ke Upay: संतान सुख की प्राप्ति में कुछ कुंडली दोषों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है. कुंडली में पुत्रदोष योग होने पर, संतान सुख में अवरोध हो सकता है. इस योग के अंतर्गत व्यक्ति को संतान सुख में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होती है. कुंडली में कालसर्प दोष होने पर, संतान सुख में विघ्न आ सकता है. इस दोष के प्रभाव को कम करने के लिए उपाय करने की आवश्यकता हो सकती है. कुंडली में गर्भाधान संबंधित दोष होने पर, गर्भधारण की प्रक्रिया में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे संतान सुख प्राप्ति में अटकाव आ सकता है. कुछ ग्रहों की अशुभ स्थिति भी संतान सुख को प्रभावित कर सकती है. इसलिए, उनके शुभ दिशा में प्रयास करना चाहिए. ये कुंडली दोष संतान सुख को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन अगर इन्हें सही समय पर पहचाना और उपाय किया जाए, तो यह समस्याएं हल हो सकती हैं और संतान सुख प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं.
संतान सुख की प्राप्ति के ज्योतिष उपाय
विवाह महादोष निवारण: अगर कुंडली मिलान में कोई महादोष हो, तो पति-पत्नी को पंडित से संपर्क करके शादी के महादोष निवारण के उपाय करने के लिए पूजा-पाठ करवाना चाहिए.
संतान प्राप्ति के व्रत: विशेष व्रत जैसे संतान गोपाल व्रत, संतान तृतीया व्रत, और संतान गणेश व्रत को विधिवत पारण करना चाहिए.
ग्रह शांति पूजा: अगर कुंडली में कोई ग्रह दोष हो, तो ग्रह शांति के लिए ग्रहों के अनुकूल मंत्रों और पूजा-पाठ का अनुसरण करें.
संतान सुख के उपाय: बाल गणेश पूजा, संतान गोपाल मंत्र, और संतान प्राप्ति के लिए विशेष अनुष्ठान का पालन करें.
शिव-पार्वती पूजा: शिव-पार्वती की पूजा करें और उनके समृद्धि और संतान सुख के आशीर्वाद का आवाहन करें.
ये ज्योतिष उपाय पति-पत्नी को संतान सुख की प्राप्ति में सहायक हो सकते हैं. इनके अलावा, ध्यान और पूर्ण श्रद्धा के साथ भगवान का नाम स्मरण करना भी महत्वपूर्ण है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau