Kalki Jayanti 2022 4 Ki Sankhya Ka Mahatva: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है. कल्कि भगवान विष्णु का दसवां और आखिरी अवतार है. सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कलियुग का अंत होने के बाद भगवान विष्णु धर्म की पुनर्स्थापना के लिए कल्कि के अवतार में जन्म लेंगे. भगवान का यह अवतार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को धरती पर अवतरित होगा. इसीलिए हर साल सावन के महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है. इस बार कल्कि जयंती बुधवार, 3 अगस्त को मनाई जाएगी.
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श्रीराम की तरह होंगे 4 भाई
भगवान राम की तरह ही भगवान कल्कि के भी चार भाई होंगे, जिनके नाम सुमन्त, प्राज्ञ और कवि होंगे. याज्ञवल्क्यजी भगवान के पुरोहित भगवान परशुराम उनके गुरु होंगे. परशुरामजी को भी भगवान विष्णु का ही एक अवतार माना गया है, जिनको अमरता का वरदान प्राप्त है. अपने गुरु के आदेश पर कल्कि अवतार भगवान शिव की तपस्या करेंगे और उनसे ज्ञान व दिव्य शक्तियों को प्राप्त करेंगे.
भगवान कल्कि के होंगे 4 पुत्र
भगवान कल्कि की दो पत्नियां होंगी, पहली लक्ष्मी स्वरूप पद्मा और दूसरी पत्नी वैष्णवी शक्ति रूपा रमा होंगी. देवी वैष्णवी को ही माता वैष्णो देवी कहा जाता है. भगवान राम के अवतार के समय देवी वैष्णवी ने भगवान से विवाह करने के लिए काफी तपस्या की थी और श्रीराम ने कलियुग में उनको पत्नी बनाने का वरदान दिया था. कल्कि अवतार के चार पुत्र भी होंगे, जो जय, विजय, मेघवाल और बलाहक होंगे.
धर्म की करेंगे फिर से स्थापना
बताया जाता है कि भगवान कल्कि का वाहन सफेद रंग का घोड़ा होगा, जिसका नाम देवदत्त होगा. वह घोड़े पर सवार होकर पापियों को अंत करेंगे और धर्म की फिर से स्थापना करेंगे. भगवान कल्कि भक्तों को सही राह पर चलने का ज्ञान देंगे और धर्म के नाम पर हर जगह फैले पाखंड को खत्म करेंगे. कल्कि जयंती पर बेहद शुभ योग बन रहे हैं, इन शुभ योग में भगवान विष्णु की आराधना और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए. साथ ही कल्कि जयंती के दिन व्रत रखें और गरीबों व जरूरतमंदों का दान व भोजन कराएं.