Kalyug Ka Ant Kab Hoga: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुल 4 युग होते हैं. हर युग अपनी समयावधि पूरी करने के बाद खत्म होता है और एक नए युग की शुरुआत होती है. आज के समय की बात की जाए तो कलयुग चल रहा है. माना जाता है कि जब श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की भूमि पर महाभारत के युद्ध को अंजाम दिया था, तब द्वापरयुग का अंत हुआ था और कलयुग हावी हो गया था. कलयुग को सबसे विनाशकारी और पापी युग माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कलयुग कब समाप्त होगा और उस वक्त कैसी परिस्थितियां होंगी इस बात का भी वर्णन हमारे धर्म ग्रंथों में मिलता है.
कलयुग का अंत
भले ही आज कलयुग चल रहा है और हम अपने आसपास कुछ ऐसी गतिविधियों को देखते हैं, जो धर्म के विरुद्ध है और बिल्कुल गलत है. लेकिन कहा गया है कि जैसे-जैसे कलयुग अपने समय में बढ़ता जाएगा, पाप भी बढ़ता चला जाएगा और कलयुग के अंत तक इतना पाप बढ़ जाएगा कि मनुष्य एक दूसरे को ही तबाह कर देगा. पाप की सीमा इतनी बढ़ जाएगी कि धरती कांप उठेगी. उस समय इस धरती पर रहना असंभव हो जाएगा. हर रिश्ता इतना मैला हो जाएगा कि स्त्रियों को अपने घर मे भी असुरक्षित महसूस होगा.
कलयुग के अंत में ये 3 चीजें हो जाएंगी विलुप्त
ऐसा माना जा रहा है कि कलयुग के अंत सबसे पहले गंगा, तुलसी और सरस्वती पृथ्वी से लुप्त होने लगेंगी. जमीन से अन्न उपजना बंद हो जाएगा. साथ ही पेड़ों पर फल नहीं लगेंगे और गाय दूध देना बंद कर देगी. देवी-देवता पृथ्वी छोड़कर अपने धाम लौट जाएंगे.
भगवान का कल्कि अवतार
कहा गया है कि चाहे कलयुग में कितना ही पाप क्यों न बढ़ जाए, लेकिन एक दिन उसका अंत जरूर होगा. उस वक्त भगवान अपना आखिरी अवतार लेंगे जिसे कल्कि अवतार कहा जाता है. कल्कि अपने घोड़े पर सवार होकर कलयुग का अंत करेंगे और फिर एक बार धरती पर सत्य और धर्म की स्थापना होगी. ये भी माना जाता है कि अभी भी इस धरती पर 7 ऐसी महान आत्माए हैं जो अमर है. उनमें हनुमान, अश्वत्थामा, परशुराम, महाराजा बलि आदि शामिल हैं. ये सात अमर आत्माएं भगवान कल्कि का साथ देंगी और कलयुग को अंजाम देंगे. तभी इन्हें मुक्ति मिल पाएगी.
कल्कि का वादा
भगवान विष्णु ने राम अवतार में माता वैष्णो के साथ वादा किया था कि जब वे धरती पर कल्कि रूप मे आएंगे तब उनके साथ विवाह करेंगे. ऐसी मान्यता है कि माँ वैष्णो आज भी त्रिकूट पर्वत पर उनका इंतजार कर रही है. और कल्कि अवतार में भगवान उनके साथ विवाह करेंगे और अपने वादे को निभाएंगे.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau