Advertisment

भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान

Kamakhya Devi Temple: कामाख्या मंदिर, असम में स्थित, देवी कामाख्या का एक प्रसिद्ध मंदिर है. यह 51 शक्तिपीठों में से एक है और माँ कामाख्या को समर्पित है. यह मंदिर अपनी अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है, जिनमें से एक यह है कि पुरुषों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है.

author-image
Inna Khosla
एडिट
New Update
kamakhya devi temple

kamakhya devi temple( Photo Credit : social media)

Advertisment

Kamakhya Devi Temple: कामाख्या मंदिर, जो असम के गुवाहाटी शहर में स्थित है, देवी कामाख्या को समर्पित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है. यह मंदिर हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है और हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर में पुरुषों को प्रवेश की अनुमति नहीं है? इसके पीछे कई धार्मिक और पौराणिक कारण बताए जाते हैं.  यह मंदिर हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना जाता है और विश्वभर से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मां कामाख्या मंदिर एक प्राचीन और प्रसिद्ध शक्ति पीठों में से एक है, जिसे कामाख्या पीठ के नाम से भी जाना जाता है. यह मंदिर विशेष रूप से मां कामाख्या के गर्भगृह के लिए प्रसिद्ध है, जो योनि के रूप में पूजित होता है। इसे शक्ति पीठ के रूप में माना जाता है और यहां हर साल नवरात्रि के उत्सव के दौरान अनेक श्रद्धालुओं की भीड़ आती है. कामाख्या मंदिर का स्थान निकटवर्ती नीलाचल पहाड़ों में है, जिसका आकर्षण अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण है। यहां आने वाले श्रद्धालु ध्यान, ध्यान, और पूजन के लिए आते हैं और मां कामाख्या से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.

1. मासिक धर्म

माना जाता है कि देवी कामाख्या माता पार्वती का योनि भाग हैं. हर महीने माता कामाख्या मासिक धर्म से गुजरती हैं, और इस दौरान मंदिर के गर्भगृह में केवल महिलाओं को ही प्रवेश दिया जाता है।  पुरुषों को इस दौरान अशुद्ध माना जाता है, और उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से मना किया जाता है। मासिक धर्म के दौरान, देवी कामाख्या को रजस्वला माना जाता है, और इस दौरान पुरुषों को मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है।  यह मासिक धर्म चक्र 4 दिनों तक चलता है, और इस दौरान मंदिर बंद रहता है।

2. शक्ति का प्रतीक

देवी कामाख्या स्त्री शक्ति का प्रतीक हैं।  मंदिर में पुरुषों को प्रवेश न देकर यह दर्शाया जाता है कि स्त्री पुरुषों से कमजोर नहीं है, बल्कि उनमें असीम शक्ति और सृजनात्मकता है। कामाख्या मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है, जो देवी सती के अंगों के गिरने का स्थान माना जाता है।  इन शक्तिपीठों को देवी शक्ति का निवास स्थान माना जाता है, और पुरुषों को इन स्थानों पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाती है, क्योंकि उन्हें देवी के समक्ष पुरुष शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

3. तांत्रिक अनुष्ठान

कामाख्या मंदिर तांत्रिक विद्या का भी महत्वपूर्ण केंद्र है।  यहां कई रहस्यमय और गोपनीय अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें पुरुषों की उपस्थिति वर्जित है। कामाख्या मंदिर तांत्रिक पूजा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है।  तांत्रिक परंपरा में, महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली माना जाता है।  इसलिए, पुरुषों को कुछ तांत्रिक अनुष्ठानों और पूजाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं है, जिनमें कामाख्या मंदिर में होने वाली पूजा भी शामिल है।

4. सामाजिक रीति-रिवाज

असम में कुछ सामाजिक रीति-रिवाज भी हैं जिनके तहत महिलाएं मासिक धर्म के दौरान घर से बाहर नहीं निकलती हैं।  कामाख्या मंदिर में भी इसी परंपरा का पालन किया जाता है। भारतीय समाज में, मासिक धर्म को अक्सर अशुद्ध माना जाता है।  इसलिए, कुछ लोग मानते हैं कि पुरुषों को मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के संपर्क में नहीं आना चाहिए।  यह रीति-रिवाज कामाख्या मंदिर में पुरुषों के प्रवेश पर प्रतिबंध का एक कारण हो सकता है।

ये सभी मान्यताएं और रीति-रिवाज सामाजिक और धार्मिक ग्रंथों पर आधारित हैं।  वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इनकी पुष्टि नहीं की जा सकती है। कामाख्या मंदिर में पुरुषों को प्रवेश न देने के पीछे धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक और तांत्रिक कई कारण हैं।  यह मंदिर स्त्री शक्ति का प्रतीक है और हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

 Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

ये भी पढ़ें: Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय

Source : News Nation Bureau

Religion News in Hindi रिलिजन न्यूज Religion News Religion Kamakhya Devi Temple kamakhya temple kamakhya devi
Advertisment
Advertisment
Advertisment