Advertisment

कामाख्या मंदिर में अंबुबाची मेले की शुरुआत, दुनियाभर से जुटे तांत्रिक

असम के गुवाहाटी के नीलाचल हिल्स में स्थित कामख्या मंदिर में गुरुवार से सालाना आयोजित होने वाले अंबुबाची मेले की शुरूआत हो गई है।

author-image
Shivani Bansal
एडिट
New Update
कामाख्या मंदिर में अंबुबाची मेले की शुरुआत, दुनियाभर से जुटे तांत्रिक

कामाख्या मंदिर में अंबुबाची मेले की शुरुआत, दुनियाभर से जुटे तांत्रिक (फाइल फोटो)

Advertisment

असम के गुवाहाटी के नीलाचल हिल्स में स्थित कामख्या मंदिर में गुरुवार से सालाना आयोजित होने वाले अंबुबाची मेले की शुरूआत हो गई है।

असम के गुवाहाटी से लगभग 9 किलोमीटर दूर नीलांचल पहाड़ी पर देवी कामाख्या मंदिर को सभी शक्तिपीठों में बहुत खास माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो यहां देवी सती का योनिभाग गिरा था और यहां देवी के इसी अंग की पूजा होती है।

देवी के अंग को फूलों से ढककर रखा जाता है और ऐसी मान्यता है कि यहां हर साल देवी रजस्वला होती है। रजस्वला होने के समय को ही परंपरा के अनुसार अम्बुवाची पर्व कहा जाता है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा 2017: शिव-पार्वती के दर्शन का विशेष महत्व

इस मंदिर को तांत्रिकों और अघोरियों का गढ़ भी कहा जाता है और इसीलिए हर साल यहां दुनियाभर के तांत्रिक और अघोरी आते रहते हैं। इस साल यह त्यौहार पर्व 22 जून से 24 जून के बीच मनाया जाएगा।

कहने वाले इस मंदिर और इस जगह को तांत्रिकों की सुप्रीम कोर्ट भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो साधना कहीं नहीं पूरी होती वो यहां आकर हो जाती है।

मनोरंजन: फिल्मों के बाद अब इस वेब सीरीज में भी नजर आएंगी रिचा चड्ढा!

कारोबार से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

Source : News Nation Bureau

assam kamakhya temple
Advertisment
Advertisment
Advertisment