असम के गुवाहाटी के नीलाचल हिल्स में स्थित कामख्या मंदिर में गुरुवार से सालाना आयोजित होने वाले अंबुबाची मेले की शुरूआत हो गई है।
असम के गुवाहाटी से लगभग 9 किलोमीटर दूर नीलांचल पहाड़ी पर देवी कामाख्या मंदिर को सभी शक्तिपीठों में बहुत खास माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों की मानें तो यहां देवी सती का योनिभाग गिरा था और यहां देवी के इसी अंग की पूजा होती है।
देवी के अंग को फूलों से ढककर रखा जाता है और ऐसी मान्यता है कि यहां हर साल देवी रजस्वला होती है। रजस्वला होने के समय को ही परंपरा के अनुसार अम्बुवाची पर्व कहा जाता है।
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इस मंदिर को तांत्रिकों और अघोरियों का गढ़ भी कहा जाता है और इसीलिए हर साल यहां दुनियाभर के तांत्रिक और अघोरी आते रहते हैं। इस साल यह त्यौहार पर्व 22 जून से 24 जून के बीच मनाया जाएगा।
कहने वाले इस मंदिर और इस जगह को तांत्रिकों की सुप्रीम कोर्ट भी कहते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो साधना कहीं नहीं पूरी होती वो यहां आकर हो जाती है।
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Source : News Nation Bureau