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Kanya Sankranti 2024: सितंबर माह में कब मनाई जाएगी कन्या संक्रांति, जानें सही तिथि और शुभ मुहूर्त!

Kanya Sankranti 2024: सनातन धर्म में कन्या संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है. इस तिथि पर लोग गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. ऐसे में ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि सितंबर माह में कन्या संक्रांति कब मनाई जाएगी.

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Rajvant Prajapati
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Kanya Sankranti 2024 (Social Media)

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Kanya Sankranti 2024: सूर्य का राशि में परिवर्तन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, संक्रांति उस दिन मनाई जाती है जब राजा सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. सूर्य इस समय सिंह राशि में गोचर कर रहा है, जिसके बाद सितंबर महाने में राजकुमार बुध कन्या राशि में प्रवेश करने वाले हैं. जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है. कन्या संक्रांति से सूर्य कैलेंडर का नया माह कन्या का शुभारंभ होता है. इस दिन स्नान, दान और सूर्यदेव की पूजा करने से खोया हुआ मान-सम्मान और धन-संपदा वापस मिल जाती है. ऐसे में ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि सितंबर माह में कन्या संक्रांति कब मनाई जाएगी.

कन्या संक्रांति तिथि

कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन विश्वकर्मा पूजा भी है. कन्या संक्रांति पर नदी में स्नान करने और पितरों का तर्पण करने से जीवन में खुशियां आती हैं. इस दिन हम अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं. कन्या संक्रांति तिथि की शुरुआत 15 सितंबर की रात 8:02 मिनट पर शुरू होगी. इसी दौरान सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे. इस संक्रांति का समापन तिथि 16 सितंबर को रात 08: 51 मिनट पर होगा. इस साल कन्या संक्रांति का पर्व 16 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा.

कन्या संक्रांति शुभ मुहूर्त

इस वर्ष कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा. इस दिन पुण्य काल 12:16 मिनट से लेकर शाम 06:25 मिनट तक रहने वाला है. इस समय आप में गंगा स्नान कर सकते हैं. और महा पुण्य काल शाम को 4:22 मिनट से शाम 6:25 मिनट तक है. इस मुहूर्त में दान कर सकते हैं.

कन्या संक्रांति पूजा विधि

कन्या संक्रांति के दिन सुबह स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाएं.
चौकी पर कलश की स्थापना करें और सूर्य देवता की प्रतिमा स्थापित करें.
उसके बाद सूर्यदेवत को अक्षत, रोली, चंदन अर्पित करें.
कन्या संक्रांति के दिन पूजा के समय में सूर्य देवता के मंत्र का जाप करें और आरती करें.
कन्या संक्रांति के अंत में आरती के बाद मिठाई का भोग लगाएं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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