कार्तिक अमावस्या के दिन पड़ने वाला श्राद्धादि अमावस्या 25 अक्टूबर को है.इसे दिवाली अमावस्या भी कहते हैं,धार्मिक शास्त्रों के अनुसार अमावस्या में स्नान करना, दान करना पितरों की शांति के लिए पूजा-पाठ और तर्पण करना बेहद शुभ माना जाता है.यह अमावस्या कार्तिक माह में आने वाला सबसे महत्त्वपूर्ण अमावस्या है.बता दें ब्रह्म पुराण में कहा जाता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर पधारती हैं, इस दिन गंगा स्नान करने से और दीपदान करने से बेहद शुभ फल मिलता है. तो ऐसे में हम आपको अपने इस लेख में कार्तिक अमावस्या की तिथि, उनका महत्त्व क्या है.क्या दान करना शुभ माना जाता है, हम सब आपको अपने इस लेख में बताएंगें.
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क्या है कार्तिक अमावस्या की तिथि -
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर को है, लेकिन ऐसे में आपको बता दें आज शाम 5 बजकर 28 मिनट से अमावस्या तिथि की शुरूआत हो जाएगी.
क्या है कार्तिक अमावस्या का महत्त्व-
अमावस्या पितृ को समर्पित तिथि है, आपको बता दें स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन स्नान,दान करने से सारे पाप समाप्त हो जाते हैं.वहीं इस दिन तेल का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं.इस दिन भगवत गीता का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है, इस दिन तुलसी पूजन करने से भगवान विष्णु बेहद प्रसन्न होते हैं,उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है.वहीं कार्तिक अमावस्या में जरुरतमंदों को दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है, ऐसा करने से आपकी सारे मनोकामना पूर्ण होती हैं.
क्या दान करना है शुभ-
कार्तिक अमावस्या में तील का तेल, कंबल,कपड़े, दुध, अन्न, मिठी चीज़े दान करना बेहद शुभ माना जाता है, कहते हैं इसे दान करने से आपके जीवन में शांति रहेगी. इस दिन पितरों को याद कर उनके नाम का दीपक जलाना बेहद शुभ फलदायी होता है, इससे पितृ सदैव प्रसन्न रहते हैं.
Source : News Nation Bureau